लखनऊ। बड़े-बड़े अफसरों की छोड़िए एक थाने के थानेदार और सिपाही की हैसियत जानकर अच्छे-अच्छे लोगों को पसीना आ जायेगा। बाराबंकी से लेकर लखनऊ तक इस थाने पर तैनात दो प्रभारी निरीक्षकों और तीन कॉन्स्टेबलों की खूब चर्चा हो रही है। लोग अपने-अपने हिसाब से इनकी काली कमाई का अंदाजा लगा रहे हैं। लोगों के बीच चर्चा है कि इस थाने पर तैनात पुलिस वालों ने अपनी काली कमाई को बड़े पैमाने पर पापर्टी में खपाया है। दरअसल भाजपा विधायक शरद अवस्थी द्वारा डीजीपी को लिखे एक पत्र के सामने आने के बाद बाराबंकी से लेकर लखनऊ तक इन पुलिस वालों की खूब चर्चा हो रही है। भाजपा विधायक का आरोप है कि बाराबंकी के जैदपुर थाने पर तैनात दो प्रभारी निरीक्षकों में से एक लखनऊ में 5 करोड़ का बंगला बनवा रहा है, जबकि दूसरा भी जमकर लूट-खसोट कर मोटी कमाई कर रहा है। विधायक का आरोप है कि यहां तैनात कॉन्स्टेबलों के पास भी एक से एक लग्जरी गाड़ी और आलीशान मकान है। यहां तक कि इन कांस्टेबलों का तबादला होने के बाद भी यह सब इसी थाने पर जमे हैं। भाजपा विधायक ने इनकी शिकायत एसपी से लेकर पुलिस महकमे के सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी तक की है।
भाजपा विधायक शरद अवस्थी का दावा है कि जैदपुर थाने पर तैनात प्रभारी निरीक्षक अमरेश सिंह बघेल ने जमकर लूट-खसोट करके अकूत दौलत इकट्ठा की है। उसी कमाई से बघेल लखनऊ में अपना पांच करोड़ का आलीशान बंगला बनवा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे प्रभारी निरीक्षक धनंजय सिंह भी जमकर लूट-खसोट कर रहे हैं। शरद अवस्थी के मुताबिक, इस थाने के तीन कॉन्स्टेबलों गजेंद्र सिंह, सर्वेश सिंह, मोहम्मद शाहनवाज का मार्च महीने में ट्रांसफर हो गया था इसके बाद भी ये जैदपुर थाने में ही जमे रहे और वहां कि जनता को प्रताड़ित करके काली कमाई कर रहे हैं। इन कांस्टेबलों को अमरेश सिंह बघेल और धनंजय सिंह अपनी शह दिए हुए हैं और सभी की मिलीभगत से यहां गोरखधंधा चल रहा है। विधायक शरद अवस्थी ने डीजीपी को लिखे पत्र में सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और इनकम टैक्स विभाग से सभी की संपत्ति की जांच कराने की मांग की है। हालांकि, मामला सुर्खियों में आने के बाद अब इन कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। दरअसल बाराबंकी का जैदपुर कस्बा अफीम की खेती के लिए देश और विदेश में जाना जाता है। इसी वजह से जैदपुर थाने पर तैनाती के लिए पुलिस वाले एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि यहां तैनाती के बाद थानेदार से लेकर कॉन्स्टेबल तक अकूत संपत्ति के मालिक हो जाते हैं।