बिहार में बहुचर्चित इंटर टॉपर्स घोटाले की तर्ज पर एक और घोटाला

मुजफ्फरपुर। बिहार की शिक्षा प्रणाली को शर्मशार करने वाला एक और घोटाला सामने आया है। इस बार मामला बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बिहार विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है। यहां राजभवन और युजीसी की अनुमति लिए बगैर न सिर्फ एम-फिल की पढाई शुरु कर दी गई बल्कि तीन हजार शोधकर्ताओं का नामांकन लेकर करीब नौ करोड़ रुपये की अवैध उगाही भी कर ली गई। ठगे गए शोधार्थियों की शिकायत पर राजभवन ने इस मामले से जुड़े शिक्षा माफिया ललन कुमार को निलंबित करके विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है।

कहा जा रहा है कि ललन कुमार ने राजभवन और युजीसी को अंधेरे में रखकर एम-फिल कोर्स की शुरुआत कर ली। बीते दो सत्रों में ललन ने तीन हजार शोधार्थियों का नामांकन लेकर उनसे करीब नौ करोड़ रुपये भी उगाह लिए। शिकायत मिलने के बाद राजभवन ने इस कोर्स को अवैध करार देकर बंद करा दिया। राजभवन के आदेश पर ललन कुमार से पहले स्पष्टीकरण पूछा गया और घपला उगाजर होने पर निलंबित कर दिया गया।

ललन कुमार पहले लंगट सिंह कॉलेज के बीसीए विभाग में था और उस पर वहां भी कार्रवाई की गई थी, लेकिन विभागीय सांठगांठ और कुलपति की कृपा पाकर वो फिर से दूरस्थ शिक्षा विभाग में नियुक्त हो गया।

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