यूक्रेन डायरी : जब भारत का नाम सुनते ही हट गईं सामने तनी हुई राइफलें..


यूक्रेन की राजधानी कीव चारों तरफ से घिर चुकी है। मैं कीव के जिस होटल में हूँ, उसे पिछले 36 घंटों से लॉक कर दिया गया है। होटल की छठी मंज़िल पर कमरा है। कमरे की खिड़की सिर्फ दो वजहों से खुलती है। पहला जब खतरे का सायरन बजता है और दूसरा जब सड़क पर […]

मैं अयोध्या को छोड़ आया हूँ या खुद को अयोध्या में छोड़ आया हूं..


16 दिन लगातार एक शहर को जीते हुए आप खुद में एक चलता-फिरता शहर हो जाते हैं। अपनी पीठ पर यादों के मोहल्लों को उठाये हुए। अपने कंधों पर स्मृतियों की नर्सरी उगाए हुए। अपनी आंखों में सरजू के किनारे रात भर जले दिए का काजल लगाए हुए। मालूम नही पड़ता कि हुआ क्या है? […]