दुनिया भर में सबसे महंगी दवा जिसके 1 इंजेक्शन की कीमत 17 करोड़ रुपए है। यह इंजेक्शन स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) बीमारी से पीड़ित बच्चों को 2 साल की उम्र पूरी करने से पहले लगता है। इस इंजेक्शन का नाम जोलजेस्मा (Zolgensma) है। अभी इस दवा को भारत में मंजूरी नहीं मिली है। फिर भी एक अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में करीब 90 बच्चों को जोलजेस्मा इंजेक्शन लगाया गया है। इंजेक्शन इतना महंगा है कि इसे सिर्फ पैसे वाले लोग ही खरीद सकते हैं। हालांकि क्रॉउड फंडिंग के जरिये भी लोगों के सहयोग से कई बच्चों को यह इंजेक्शन लगा है।
जोलजेस्मा (Zolgensma) इंजेक्शन स्विटजरलैंड की दवा कंपनी विशेष आर्डर पर बनाती है। डॉक्टर की सिफारिश और सरकार की मंजूरी के बाद दवा का आयात किया जा सकता है। 17 करोड़ का यह इंजेक्शन भी इस बीमारी (Spinal Muscular Atrophy) को पूरी तरह ठीक करने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक आनुवंशिक बीमारी है, जो ब्रेन की नर्व सेल्स और रीढ़ की हड्डी (मोटर न्यूरॉन्स) को नुकसान पहुंचाती है।

