कौन हैं डॉ. आर.एन. सिंह जिनकी इस समय हो रही है खूब चर्चा

एक नज़र इधर जरूर पढ़ें प्रमुख समाचार

गोरखपुर। डॉ. आर.एन. सिंह गोरखपुर के मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. आर.एन. सिंह ने सबसे पहले 1978 में इंसेफेलाइटिस के मरीज की पहचान की थी। बताया जाता है कि उस समय डॉ. आर.एन. सिंह बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में तैनात थे और सबसे पहले इन्होने ही इंसेफेलाइटिस के मरीजों का ईलाज किया था। कुछ वर्ष पहले डॉ. आर.एन. सिंह ने ‘ख़बर अब तक’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस समय ये बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में तैनात थे उस समय बाल रोग विभाग में वहां सिर्फ 10 बेड थे। तमाम तरह के आवश्यक उपकरण यहां तक की वेटिंलेटर की भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उस समय जांच के लिए भी कोई सुविधा नहीं थी सिर्फ रीढ़ की हड्डी से पानी निकालकर जांच होता था। इसके साथ ही लक्षणों के आधार पर मरीज की पहचान होती थी। हालात यह थे कि सुबह 8.30 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक काम करना पड़ता था। कभी-कभी 2-3 दिन तक सोने को भी नहीं मिलता था। कई बार तो इतना समय भी नहीं मिलता था कि खाना खा सकें। ब्रेड-बिस्कुट और समोसे के सहारे दिन और रात दोनों गुजर जाते थे।

डा. आर.एन. सिंह ने वर्ष 2005 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन के लिए गोरखपुर बस्‍ती मंडल में जोरदार अभियान चलाया था। इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन के राष्‍ट्रीय कार्यक्रम की मांग को लेकर इनके नेतृत्व में जगह-जगह कार्यक्रमों में खून से खत लिखने का अभियान भी चलाया गया। डॉ. आर.एन. सिंह ने सरकार को आईना दिखाने के लिए जनवरी 2010 से दिसंबर 2010 तक यानि कि एक साल तक कुशीनगर जिले के होलिया गांव में इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन के सूत्रों को लागू करके मॉडल पेश करने की कोशिश की थी। बताया जाता है कि उस समय होलिया गांव में इंसेफेलाइटिस की वजह से कई मौतें हुई थीं और लोग खौफजदा थे। डॉ. आर.एन. सिंह का प्रयास रंग लाया और वर्ष 2010 में इस गांव में न तो इंसेफेलाइटिस की वजह से कोई मौत हुई और न ही कोई केस सामने आया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. आर.एन. सिंह ने अपने किसी भी अभियान के लिए कोई सरकारी या गैर सरकारी वित्तीय सहायता नहीं ली। देश में जिस समय अधिकांश लोग कोरोना वायरस का नाम तक नहीं जानते थे उस समय डॉ आर.एन. सिंह ने देश को आगाह किया। सरकार के सामने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

इस समय मलबे पर बैठकर मरीज देखने की वजह से डॉ आर.एन. सिंह खूब चर्चा में हैं। आखिर वह कौन सी वजह है जिसके चलते डॉ आर.एन. सिंह मलबे पर बैठकर मरीज देखने को मजबूर हुए यह जानने के लिए ‘ख़बर अब तक’ की यह रिपोर्ट जरूर देखिए..

इस कोरोना त्रासदी में मलबे पर मरीजों का ईलाज करने वाले डाक्टर की कहानी..

भ्रष्ट अफसरों और बिल्डरों के गठजोड़ ने कैसे एक ईमानदार डाक्टर को इस कोरोना त्रासदी में मलबे पर मरीजों का ईलाज करने के लिए मजबूर कर दिया देखिए पूरी कहानी..

Posted by Khabar Ab Tak on Wednesday, August 5, 2020

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *