राजनीतिक रूप से इतने ‘प्रदूषित परिदृश्य’ में भी RSS के बडे़ नेता ज्यादा ‘शुद्ध’ हैं। भागवत जी और वैद्य जी सामाजिक-राजनीतिक मसलों पर दिल खोलकर बोलते हैं। असल में ‘मन की बात’ तो यही लोग करते हैं। अभी वैद्य जी ने ‘आरक्षण बनाम समान अवसर’ पर जो बयान दिया, वह RSS की ‘राष्टृवादी विचारधारा’ और ‘हिन्दुत्वा दर्शन’ का प्रतिनिधित्व करता है। वैद्य जी जैसे लोग ऐसे मुद्दों पर हमेशा सच बोलते हैं, BJP वालों की तरह जनता को बेवकूफ बनाने के लिए संघ की विचारधारा को ‘अशुद्ध’ और ‘प्रदूषित’ करके नहीं पेश करते! वैद्य जी, आगे भी इसी तरह ‘सच्ची बातें’ कहते रहिये!
(वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल के एफबी वॉल से.)