एबीपी न्यूज़ पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त से पूछे गए थोड़े मुश्किल सवाल पर एक श्रीमानजी नाराज़ हो गए और उन्होंने मुझपर आरोप लगाया कि मैंने अब्दुल बासित से ऐसा सवाल क्यों पूछा जो उचित नहीं था। उनको इस बात पर भी एतराज़ था कि मैं श्री बासित को सम्बित पात्रा के स्तर का क्यों समझता हूँ।
मुझे अपनी तरफ से यह कहना है कि मैं सम्बित पात्रा को अब्दुल बासित से ज़्यादा अक़्लमंद और पढ़ा लिखा मानता हूँ। सम्बित भारत के सत्ताधारी दल के प्रवक्ता हैं और अब्दुल बासित पाकिस्तान के हज़ारों कूटनीतिक कर्मचारियों में एक हैं। युद्धोन्माद की पाकिस्तानी राजनीति और 1947,1965,1971 और कारगिल की पाकिस्तानी हार के हवाले से उनको युद्ध के खिलाफ प्रेरित करने और अमरीकी, चीनी और साउदी अरब से मिलने वाली आर्थिक सहायता का परमाणु युद्ध नहीं, गरीबी और जहालत हटाने में इस्तेमाल करने के बारे में सवाल पूछ कर मैंने उनको केवल आइना दिखाया था। उनको अपमानित करना बिलकुल उद्देश्य नहीं था।
मैं युद्ध का विरोधी हूँ, सीमा पर भी और फेसबुक पर भी इसलिए कृपया मुझे हमलों से बचाएं । एक बूढ़ा लाचार पत्रकार हूँ। कृपया मुझे विद्वान न समझें।
( वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह के फेसबुक वॉल से.)