नई दिल्ली। फेफड़ों में संक्रमण की वजह से एम्स के आईसीयू में पिछले करीब 20 दिनों से भर्ती हिंदी के वरिष्ठ लेखक और पत्रकार राजकिशोर का 71 साल की उम्र में निधन हो गया। करीबियों के मुताबिक दो महीने पहले ही उनके 40 वर्षीय पत्रकार पुत्र का निधन हो गया था जिसके कारण वे गहरे सदमे में थे। उनके परिवार में अब उनकी पत्नी और बेटी बची है।
राजकिशोर जी के निधन के बाद वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, अभी अभी एक अत्यंत दुखद और अंदर से हिला देने वाली सूचना मिली है। समाजवादी सोच के वरिष्ठ पत्रकार-संपादक राजकिशोर जी का निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से यहां एम्स के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। मष्तिकाघात के साथ ही उन्हें निमोनिया भी हो गया था।
अभी कुछ ही दिनों पहले उनके युवा पत्रकार पुत्र विवेकराज का असामयिक निधन हो गया था। राजकिशोर जी और हम सब उस दुख से उबर ही रहे थे कि राजकिशोर जी भी हम सबको छोड़कर पुत्र विवेक का अनुसरण करते हुए अनंत की यात्रा पर चले गए। उनके निधन से भारतीय हिंदी पत्रकारिता और खासतौर से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष धारा की पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति हुई है।
राजकिशोर जी के साथ हमारे संबंध सरोकार 1977-78 में रविवार के प्रकाशन के समय से ही बन गए थे लेकिन 1982 हम जब कोलकाता में रविवार की संपादकीय टीम के साथ स्वयं भी जुड़ गए तो हमारे संबंध और भी प्रगाढ़ होते गए। रविवार के साथ ही नवभारतटाइम्स टाइम्स में भी हम लोग कुछ समय एक साथ काम किए।
यह कितना दुखद है कि रविवार के संपादक सुरेंद्र प्रताप सिंह, उदयन शर्मा और योगेंद्र कुमार लल्ला जी के बाद अब राजकिशोर जी भी नहीं रहे। पिछले दिनों, उनके बीमार पड़ने से पहले हम और गीता उनके निवास पर गए थे। काफी देर तक सम सामयिक राजनीति, पत्रकारिता और फिर अतीत के झरोखों को साफ करते हुए रविवार, नवभारत टाइम्स, एसपी सिंह, उदयन,राजेंद्र माथुर जी के बारे में बातें होती रहीं। उनका ह्यूमर भी पूर्ववत सामने था। सोशल मीडिया पर उनकी चुटीली टिप्पड़ियां भी पूर्ववत जारी थीं।
कतई नहीं लगा कि वह इतनी जल्दी हम सबको अलविदा कहनेवाले हैं लेकिन नियति को शायद यही मंजूर था। उनके परिवार, खासतौर से पत्नी, विमला भाभी, पुत्री गुड़िया, बहू और उसके बच्चों पर तो दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा है। असह्य दुख और शोक की घड़ी में हमारी सहानुभूति और संवेनाएं उनके साथ हैं। ईश्वर राजकिशोर जी की आत्मा को शांति और विमला भाभी, गुड़िया और बहू-बच्चों को इस दुख को भी बर्दाश्त करने का साहस और धैर्य प्रदान करे।
राजकिशोर जी को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि और उनसे जुड़ी स्मृतियों को प्रणाम।