बी.के.सिंह। दलितों की मसीहा बनकर देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता का स्वाद चखने वाली बसपा सुप्रीमों मायावती के पापों के हिसाब का समय अब करीब आता दिख रहा है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने मायावती सरकार में राज्य की 21 चीनी मिलों को बेचने में हुए 1180 करोड़ के घोटाले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। योगी आदित्यनाथ का कहना है कि देश की संपत्ति को औने-पौने दामों पर बेचना किसी भी व्यक्ति का अधिकार नहीं है। जनता की संपत्ति का दुरूपयोग कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अगर जरूरत पड़ी तो इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराने पर विचार किया जायेगा।
दरअसल माया राज में हुए इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश भाजपा के दो दिग्गज नेताओं संतोष गंगवार और किरीट सोमैया की टीम ने किया था। संतोष गंगवार और किरीट सोमैया की टीम ने इस पूरे मामले की गहराई से जांच-पड़ताल के बाद कहा था कि राज्य सरकार ने एक साजिश के तहत कौड़ियों के भाव में बेशकीमती चीनी मिलें पोंटी चड्ढा के वेब इंडस्ट्रीज ग्रुप को बेच दी। भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की जांच में भी भाजपा नेताओं के इन आरोपों को सही पाया गया था। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार उस समय के हिसाब से जमीन के मूल्यांकन में 30 पर्सेंट तक की कमी की गई। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि मिलों की मशीनरी और जमीन की कीमत आंकने में अनियमितता के चलते 1180 करोड़ रुपये का घपला हुआ है।
हालांकि बाद में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी इसे 2 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला बताते हुए मामले की जांच की मांग की थी। 2012 विधानसभा चुनाव के बाद जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो चीनी मिलों की बिक्री की जांच कराने की मांग उठी थी, लेकिन अखिलेश सरकार ने जांच कराने से मना कर दिया था। बताया जाता है कि नीलामी के समय नेता प्रतिपक्ष शिवपाल यादव ने सदन से लेकर सड़क तक इस घोटाले पर खूब हल्ला मचाया था और उनके प्रयास के चलते ही अखिलेश यादव ने इसकी जांच लोकायुक्त को सौंपी थी। लेकिन यहां सेटिंग-गेटिंग हो गई और यह घोटाला दबा दिया गया।
यूपी के चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर का कहना है कि वर्ष 2011-12 में 21 चीनी मिल बेचने में हजारों करोड़ के घोटाले की जाँच का ह्रदय से स्वागत है। पूर्व लोकायुक्त एन के महरोत्रा, जिन्होंने गायत्री प्रजापति को क्लीन चिट दिया था, ने इस मामले में भी क्लीन चिट दिया था। जब भी श्री महरोत्रा जैसे लोग लोकायुक्त जैसे जिम्मेदार पदों पर आसीन होंगे, न्याय की इसी प्रकार हत्या होगी। उम्मीद करूँगा, जाँच में विक्रय घोटाले के साथ श्री महरोत्रा की भूमिका की भी जाँच होगी।