..और जब योगी आदित्‍यनाथ के हस्‍तक्षेप से बच गया मजार

गोरक्षपीठाधीश्‍वर महंथ योगी आदित्‍यनाथ के सीएम बनने के पहले और शपथ लेने के बाद जो मित्र उन्‍हें लेकर आशंकाएं जता रहे हैं उनके लिए कुछ चीजों को जानना जरूरी है। मैं करीब 25 साल से योगी जी को जानता हूं और गोरखपुर में रिपोर्टिंग के समय करीब 15 वर्ष तक उन्‍हें कवर किया हूं। इस बीच उनसे सैकड़ों बार बातें हुईं। कुछ औपचारिक, कुछ अनौपचारिक। मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वे मुस्लिमों से घृणा करते हैं या उन्‍हें देखना नहीं चाहते हैं (जैसी की उनकी छव‍‍ि बनाई जा रही है)। एक छोटी सी घटना के उल्‍लेख के साथ उदाहरण देना चाहूंगा। करीब चार साल पहले सपा की सरकार में आवासीय कालोनी बनाने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने गोरखपुर में मेडिकल कालेज के सामने लगभग दो सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण किया था। जीडीए के अफसर जमीन पर कब्‍जा लेने पहुंचे तो उसी जमीन में एक पुरानी मजार दिखी जिसे सरकारी अमला हटाना चाह रहा था। वहां के मुसलिमों ने इसका विरोध किया लेकिन अफसर नहीं माने, इसके बाद लोग योगी जी के पास गए और फ‍िर योगी जी के हस्‍तक्षेप के बाद उस मजार को बचाया जा सका और कालोनी के लिए जमीन देने वाले अधिसंख्‍य मुसलिमों को उचित मुआवजा भी मिला। गोरखपुर में रहने वाले लोगों के जेहन में इस तरह की सैकड़ों घटनाएं होंगी। अब आगे की – मुख्‍यमंत्री बनना तय होने के बाद योगी जी का पहला बयान देखिए ‘सबका साथ सबका विकास’। वे अपने एजेंडे को लेकर अतिवादी हो सकते हैं लेकिन उनके एजेंडे में ‘सबका साथ, सबका विकास’ है इसमें कम से कम मुझे कोई संदेह नहीं है।
और योगी जी को अपने जानने वालों की कितनी चिंता रहती है, संकोच के साथ एक छोटी सी घटना का उल्‍लेख करना चाहूंगा। पिछले महीने रांची में एक सड़क दुर्घटना में मैं घायल हो गया था। योगी जी दिल्‍ली में थे। उन्‍हें पता चला और उन्‍होंने दिल्‍ली से मुझे फोन किया। दुर्घटना के बारे में पूरी जानकारी ली, मेरा कुशल क्षेम पूछा और अंत में उन्‍होंने कहा कि यदि कोई परेशानी होगी तो बताइएगा। मेरे जैसा छोटा व्‍यक्ति भी उन्‍हें याद था और अपने व्‍यस्‍त समय में से उन्‍होंने समय निकाल कर मुझे फोन किया। उन्‍हें अपने जानने वालों की पूरी चिंता रहती है, वह किस धर्म, किस जाति, किस क्षेत्र का है इससे उनका कोई मतलब नहीं रहता है। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
सो योगी जी की आशंका में अपना ब्‍लडप्रेशर बढ़ाने वाले मित्रों आप निश्चिंत रहें, योगी जी के सीएम बनने से न तो सामाजिक समरसता को खतरा है न ही प्रदेश, देश में सांप्रदायिक सौहार्द का खतरा है, और न ही देश टूटने जा रहा है। उनके सीएम बनने से केवल हिंदुओं का फायदा ऐसा सोचने वाले मित्रों को भी यह भी सोचना चाहिए इस चुनाव में न तो जाति चली है, न ही धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा को सभी जाति, धर्म के लोगों का वोट न मिला होता तो 325 सीट मिलना असंभव होता। इस बात का अंदाजा भाजपा को भी है। यूपी की जनता ने जाति, धर्म से ऊपर उठकर मिथक तोड़ा है। अब सरकार की बारी है और सरकार यह तय कर चुकी है कि अब यूपी में जाति धर्म से ऊपर उठकर केवल विकास की बात होगी। प्रतीक्षा कीजिए, अधिक नहीं बस एक-दो माह। पूरा सीन आपके सामने होगा।

(दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर प्रदीप श्रीवास्तव के एफबी वॉल से.)

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