बी.के. सिंह। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रूख के बाद भी रेलवे में भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पा रहा है। देश में यात्राओं की रीढ़ मानी जाने वाली रेलवे में भ्रष्टाचार पर आज ‘ख़बर अब तक’ एक बड़ा खुलासा करने जा रहा है। हालांकि मोदी सरकार में रेल मंत्री सुरेश प्रभु और उनकी हाईटेक सेवा हमेशा चर्चा में रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ तो रेल मंत्री का रूख बेहद सख्त दिखता है बावजूद उसके रेलवे में भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पा रहा है।
सबसे पहले यह यह स्टिंग ऑपरेशन देखिए..
यह स्टिंग ऑपरेशन गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस का है। स्टिंग ऑपरेशन में आप साफतौर पर यह देख सकते हैं कि आरक्षित कोच में टिकट चेक करने वाले टीटी के पास न तो कोई रसीद बुक है और न ही वह यात्रियों से वसूल रहे रूपये की कोई रसीद दे रहा है। एक यात्री टीटी को रूपया देने से मना कर रहा है। यात्रि का कहना है, सीट खाली था मै बैठ गया मुझे क्या मालूम यह रिजर्वेशन वाला डिब्बा है। टीटी महोदय आरपीएफ के जवानों को बुलाकर यात्री को यह समझाने का प्रयास कर रहे है कि यह रिजर्वेशन वाला डिब्बा है। इस दौरान एक और टीटी आ जाते हैं। सभी लोग मिलकर यात्री को समझाते हैं और फिर अपने वसूली अभियान को आगे बढ़ाते हैं। रसीद के बारे में पूछने पर टीटी महोदय कह रहे हैं कि अगर एक-एक लोगों की रसीद बनाएंगें तो लखनऊ से गोरखपुर पहुंच जाएंगें और रसीद नहीं बन पायेगी। वे बता रहे हैं कि 15 लोगों से 10-10 रूपये वसूला और फिर 150 की एक रसीद बना दी। हालांकि टीटी महोदय के इस 15/10 वाले नए फार्मूले के बारे में जानकारी के लिए रेलवे के कई अधिकारियों से भी संपर्क किया गया। रेलवे के अधिकारियों को भी इस तरह के किसी नियम-कानून की जानकारी नहीं है।
इस स्टिंग के सामने आने के बाद ‘ख़बर अब तक’ की एक टीम ने सच जानने के लिए इस पूरे मामले की गहन पड़ताल की। हमारी पड़ताल में जो बाते सामने आई हैं वह बेहद चौकाने वाली हैं।
इंटरसिटी एक्सप्रेस में होता है बड़ा खेल
गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में साधारण टिकट लेकर आरक्षित बोगियों में टीटी को सुविधा शुल्क देकर यात्रा करने का बड़ा खेल होता है। एक अनुमान के मुताबिक इस खेल से रेलवे को हर माह लाखों का चुना लगता है। बताया जाता है कि इस खेल की जानकारी रेलवे के बड़े अफसरों को भी है लेकिन ईमानदारी से हिस्सा पहुंच जाने के कारण सब कुछ जानते हुए भी वे चुप्पी साधे हुए हैं।
20 रूपये से लेकर 100 रूपये तक है रेट
अगर किसी के पास साधारण टिकट है और वह आरक्षित बोगी में यात्रा करना चाहता है तो दूरी के हिसाब से सबसे कम 20 रूपये और अधिकतम 100 रूपये टीटी को सुविधा शुल्क देकर आरक्षित बोगी में यात्रा किया जा सकता है। यदि साधारण टिकट भी नहीं है तो यह राशि दोगुना हो जाता है। इस ट्रेन में भारी भीड़ के चलते यात्री सुविधा शुल्क देकर आरक्षित बोगी में यात्रा करते हैं।
नेता, पुलिस और पत्रकारों के लिए फ्री सेवा
इस ट्रेन में नेता, पुलिस और पत्रकारों को साधारण टिकट लेकर आरक्षित बोगी में यात्रा करने की छूट होती है। टिकट चेक करते समय टीटी महोदय को पत्रकार होने का परिचय पत्र दिखाना होता है। खाकी और खादी धारण किए हुए लोगों के लिए किसी परिचय पत्र की आवश्यकता नहीं है। तमाम खाकी और खादीधारी रूआब गांठकर बिना सुविधा शुल्क दिए यात्रा करते हैं।