बी.के. सिंह/एस.के. भारद्वाज। लोक सेवा आयोग उ0प्र0 के कंप्यूटर में त्रुटि ने एक ब्यक्ति को अफसर बना दिया। जैसे ही इस त्रुटि की जानकारी आयोग को हुई तत्काल इस नियुक्ति को निरस्त करते हुए दूसरे ब्यक्ति का चयन कर दिया गया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जो ब्यक्ति कंप्यूटर त्रुटि से अफसर बना था और बाद में आयोग द्वारा उसकी नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया वह आज भी सत्ता से सांठ-गांठ कर उप गन्ना आयुक्त बरेली जैसे महत्वपूर्ण पद पर विराजमान है।
‘ख़बर अब तक’ के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक लोक सेवा आयोग उ0प्र0 इलाहाबाद की संस्तुति पर सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 1997 द्वारा दिनेश्वर मिश्र की नियुक्ति जिला गन्ना अधिकारी एटा के पद पर की गयी थी। दिनांक 31-08-1998 को लोक सेवा आयोग ने दिनेश्वर मिश्र की नियुक्ति को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि इनकी नियुक्ति कंप्यूटर त्रुटि के चलते हो गई है। आयोग ने दिनेश्वर मिश्रा के स्थान पर धर्मेन्द्र कुमार को जिला गन्ना अधिकारी के पद पर चयनित किया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि करीब डेढ़ दसक बाद भी दिनेश्वर मिश्रा गन्ना विभाग में कार्यरत हैं। दिनेश्वर मिश्रा इस समय उप गन्ना आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर विराजमान हैं। इनके खिलाफ कई विभागीय जांच भी चल रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि दिनेश्वर मिश्रा को लोक सेवा आयोग के किस चयन के आधार पर नियुक्त किया गया है। जिस ब्यक्ति कि नियुक्ति कंप्यूटर त्रुटि के चलते हुई हो और चयन भी निरस्त हो गया हो ऐसे ब्यक्ति को उप गन्ना आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर किसके दबाव के चलते बैठाया गया है। बताया जाता है कि समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता से दिनेश्वर मिश्रा का करीबी का संबंध है। और इसी संबंध का दिनेश्वर मिश्रा भरपूर लाभ उठा रहे हैं। फिलहाल ‘ख़बर अब तक’ की मुहिम लगातार जारी है।