बस्सी को समय से पहले घर भेज देना चाहिए। पर केंद्र सरकार उन्हें पुरस्कृत करेगी। दिल्ली छोड़िए, दिल्ली की अदालतें तक महफूज नहीं रहीं। लगातार दूसरे दिन उसी गैंग ने हिंसा की है। पुलिस हिरासत में छात्र नेता कन्हैया कुमार पर हमला हुआ है। उन लोगों द्वारा जो गृहमंत्री के साथ अपनी निकटता तसवीरों के साथ प्रचारित कर रहे हैं। कोर्ट में कन्हैया ने उनकी शिनाख्त कर दी, फिर भी पुलिस ने उन गुनहगारों को पकड़ा नहीं। अदालतों से भी सहानुभूति होती है। कल किसी न्यायमूर्ति ने कड़ा रुख अख्तियार किया होता तो आज यह दिन न्याय के परिसर और कानून-व्यवस्था को शायद नहीं झेलना पड़ता।
(देश के जाने-माने पत्रकार, संपादक ओम थानवी के फेसबुक वॉल से.)