इतना “कड़वा सच” बोलने की हिम्मत कितने नेता जुटा पाएंगे..

शुरुआत में खूब तालियां बजी, मोदी -मोदी के नारे लगे। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में जीएसटी के पहले दिन चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रोफेशनल्स को प्रधानमंत्री संबोधित कर रहे थे।

मेरे बगल की सीट पर बैठी एक युवा सीए की खुशी देखने वाली थी। पीएम ने धीरे -धीरे चार्टर्ड अकाउंटेंट के “असली कामकाज” का कच्चा-चिट्ठा खोलना शुरू किया। थोड़ी देर में सन्नाटा पसरा जा रहा था। बगल की सीट पर बैठी अकाउंटेंट कब खिसक ली, पता भी नही चला ।

मेरे लिए ये दूसरा अवसर था , इससे पहले विज्ञान भवन में पीएम ने सभी ज्वेलर्स को इसी अंदाज़ में कहा था कि 31 अक्टूबर के बाद लोगों की नींद उड़ने वाली है और नोटबन्दी का फैसला हुआ !

कार्यक्रम के बाद बाहर निकलते हुए मैं सोच रहा था कि अपने समर्थकों को इतना “कड़वा सच” बोलने की हिम्मत कितने नेता जुटा पाएंगे ?

(इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार मनीष झा के एफबी वॉल से साभार)

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