Lucknow News | वकालत नहीं चली तो एक अधिवक्ता ने खुद को जज बताकर तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के साथ ठगी शुरू कर दी। इस जालसाज के निशाने पर तलाकशुदा और विधवा अमीर महिलाएं रहती थीं। वह अख़बारों में तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के पुर्नविवाह का विज्ञापन देखकर उन्हे अपने जाल में फंसाता था। खुद को जज बताते हुए शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण के बाद उनसे लाखों रुपये भी ऐंठता था और फिर मोबाइल बंद कर चंपत हो जाता था। इस जालसाज ने करीब 20 से ज्यादा महिलाओं को फंसाकर उनसे धोखाधड़ी की है।
खुद को सिविल जज बताकर कई विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को ठगने वाले फर्जी जज को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस जालसाज को पकड़ने के लिए लखनऊ पुलिस को बकायदा अखबार में शादी का विज्ञापन तक निकलवाना पड़ा। जिस विज्ञापन के जरिए यह जालसाज तलाकशुदा और विधवा अमीर महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था खुद भी उसी जाल में फंस गया। पुलिस के मुताबिक यह जालसाज अखबारों में शादी का विज्ञापन देने वाली महिलाओं को बातों के जाल में फंसाता था और जब पूरी तरह भरोसे में ले लेता तो उनका शारीरिक शोषण शुरू कर देता था। इसके बाद शादी करने का झांसा देकर उनसे लाखों कैश, जेवरात और महंगे फोन समेटकर रफूचक्कर हो जाता था।
इस फर्जी जज ने लखनऊ और आसपास की करीब 20 से ज्यादा महिलाओं को इसी तरह निशाना बनाया था। ऐसे में पुलिस ने भी उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए उसका ही दांव आजमाया और विज्ञापन का जाल फैलाकर दबोच लिया। बताया जा रहा है कि आरोपी विष्णुशंकर गुप्ता का उसकी पत्नी से तलाक हो गया था। उसने अपनी पत्नी और ससुरालीजन को फंसाने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी। इस मामले में विष्णुशंकर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। जिसके बाद अप्रैल 2021 में कानपुर बार एसोसिएशन ने विष्णुशंकर को डी-बार कर उसकी आजीवन सदस्यता रद्द कर दी थी। विष्णुशंकर के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं।