नई दिल्ली। आईटी कर्मचारी जिगिशा घोष मर्डर केस में दो दोषियों रवि कपूर और अमित शुक्ला को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। तीसरे दोषी बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा मिली है। कोर्ट ने रवि पर 20 हजार, अमित पर 1 लाख और बलजीत पर तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है। यह घटना 2009 में हुई थी।
अदालत ने अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करने), धारा 364 (हत्या करने के लिए अपहरण), धारा 394 (लूट के दौरान चोट पहुंचाना), धारा 468 (फर्जीवाड़ा), धारा 471 (फर्जी दस्तावेज का वास्तविक इस्तेमाल), धारा 482 (झूठी संपत्ति को व्यवहार में लाना) और धारा 34 के तहत दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई है।
28 वर्षीय जिगिशा एक प्रबंधन कंसल्टेंसी फर्म में ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम करती थी। 18 मार्च 2009 को उसके कार्यालय की कैब ने उसे सुबह करीब चार बजे दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार स्थित उसके घर के पास छोड़ा जिसके बाद उसका अपहरण हो गया और उसकी हत्या कर दी गई। तीन दिन बाद उसका शव हरियाणा के सूरजकुंड के पास स्थित एक जगह से मिला।