हर मां-बाप का यह सपना होता है कि उनका बच्चा बड़े से बड़े स्कूल में पढ़ कर उनके मन मुताबिक मुकाम हासिल करे। इसके लिए मां-बाप अपनी जरूरतों का गला घोटकर भी बच्चों के लिए सब कुछ करते हैं। लेकिन बहुत कम ऐसे लोग हैं जिनके बच्चे उनके मन मुताबिक मुकाम हासिल कर पाते हैं। दरअसल इसके पीछे कोई एक प्रमुख वजह नहीं होता है। इसके पीछे अनेक कारण होते हैं जिस पर हम ना तो कभी चर्चा करते हैं और ना ही उस पर ध्यान देते हैं। बहुत जगह तो यह भी देखा जाता है कि बच्चों का कैरियर खुद उनके मां-बाप ही बर्बाद कर देते हैं। सच यह है कि एक बच्चे को जितना उसके माता-पिता समझते हैं, उतना कोई नहीं समझ सकता। एक बच्चे के लिए क्या सही है और क्या गलत है इस बात का फैसला भी मां-बाप से बेहतर शायद ही कोई कर सकता है। लेकिन आज के दौर में मां-बाप अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। आज हालात यह हो गये हैं कि हर मां-बाप पहले ही यह मान लेते हैं कि वह बड़े से बड़े नाम वाले स्कूल में दाखिला करा कर अपने बच्चे का भविष्य बना देगें। हालांकि सब कुछ इसके उल्टा हो रहा है। ‘ख़बर अब तक’ ने बच्चों की शिक्षा ब्यवस्था एवं उनके कैरियर से जुड़े तमाम सवालों का जबाब देश के जाने-माने प्रो. मदन मोहन त्रिपाठी से जानने का प्रयास किया है। प्रो. त्रिपाठी ने भी हमारे हर सवालों का बेबाकी से जबाब दिया है। नीचे लिंक पर क्लिक करके आप पूरी बातचीत देख सकते हैं..