गोरखपुर। एटीएस और पुलिस की अब तक की जांच से एक बात साफ हो चुका है कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर जानलेवा हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी सिरफिरा नहीं था। वह साजिश के तहत बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता था। किसके कहने और किस इरादे से गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करना चाहता था, इस पर जांच एजेंसियां खुलकर नहीं बोल रही हैं। मुर्तजा के लैपटॉप और मोबाइल फोन की जांच में जांच एजेंसियों के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। बताया जा रहा है कि मुर्तजा पहले से ही एटीएस के रडार पर था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी कट्टर सोच का है, उसके लैपटॉप में कई सारे जिहदी वीडियो और साहित्य मिले हैं जिसको वो लगातार पढता था, देखता था। उसकी सोच थी कि अगर वह ऐसा हमला करता है तो जवाबी करवाई में मारा जाएगा और शहीद कहलाएगा। शायद इसीलिए उसने हमले के लिए गोरखनाथ मंदिर को चुना। गुरिल्ला युद्ध के भी कई विडियो उसके फोन में दिखे हैं। अगर वह मंदिर के अन्दर पहुंच जाता तो श्रद्धालुओं को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता था।
पुलिस के मुताबिक हमलावर मुर्तजा आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए मंदिर परिसर में घुसने का प्रयास कर रहा था, जिसे पीएसी एवं पुलिस के जवानों ने नाकाम कर दिया। इस घटना में पीएसी के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुर्तजा ने सिद्धार्थनगर के अलीघड़वा से हथियार (बांका) खरीदा था। इसी से उसने पुलिसकर्मियों पर ताबतोड़ हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। बताया जा रहा है कि मुर्तजा प्रतिबंधित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को फॉलो करता है। वह यूट्यूब पर जाकिर को सुनता था। एसटीएफ, एटीएस और पुलिस की टीम ने कुछ वीडियो जब्त भी किए हैं। पेन ड्राइव में भी भड़काऊ वीडियो मिले हैं। मोबाइल फोन में जितने भी नंबर फीड हैं, उनकी जांच की जा रही है। मोबाइल में फीड ज्यादातर नंबर मुंबई के हैं। जानकारी के अनुसार, हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी से पूछताछ के बाद पुलिस की पांच टीमें उसके हर बयान की गहनता से जांच कर रही हैं। पुलिस के साथ ही एटीएस व एसटीएफ की टीमें हमले से जुड़ी एक-एक बिंदु के तार खंगाल रही हैं।