गोरखपुर। गोरखपुर सर्राफा मंडल के अध्यक्ष शरतचन्द्र अग्रहरि के बयान से बड़ा बवाल मच सकता है। शरतचन्द्र अग्रहरि का दावा है कि नोटबंदी के बाद पूरे भारत वर्ष में सोना बिका है जब तक छूट था तब तक सोना बेचा गया है। हालांकि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद भारत सरकार की ओर से पुराने 500 और 1000 के नोट से सोना खरीदने के लिए कोई छूट नहीं दिया गया था। गोरखपुर सर्राफा मंडल के अध्यक्ष शरतचन्द्र अग्रहरि नोटबंदी के बाद ज्वेलर्स द्वारा पुराने नोट से बड़े पैमाने पर बेचे गए सोने को सही मानते हैं। अग्रहरि का कहना है कि सरकार ने रातो रात नोट बंद कर दिया जिनकी आवश्यकता थी 10-5 लाख का ज्वेलरी खरीदा तो वह काली कमाई नहीं थी। वह लोगों के मेहनत और खून पसीने की कमाई थी। ‘ख़बर अब तक’ यहां यह साफ करना चाहता है कि शरतचन्द्र अग्रहरि कैसे यह दावा कर सकते हैं कि नोटबंदी के बाद जिसने भी 10-5 लाख का सोना या ज्वेलरी खरीदा है वह ब्लैकमनी नहीं था। हम शरतचन्द्र अग्रहरि के इस बयान का समर्थन नहीं करते हैं।
शरतचन्द्र अग्रहरि ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला चैलेंज किया है। अग्रहरि का कहना है कि वास्तव में ब्लैकमनी आईएएस, पीसीएस और नेताओं के पास है जबकि इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अग्रहरि के मुताबिक ब्यापारी मजबूरी में टेक्स चोरी करता है। फिलहाल अग्रहरि के इस बयान का ब्यापारियों ने ही विरोध शुरू कर दिया है।
गोरखपुर संयुक्त ब्यापार मंडल के अध्यक्ष सीताराम जायसवाल ने ‘ख़बर अब तक’ से बातचीत में कहा कि हम इस तरह के बयान का विरोध करते हैं। सरकार की ओर से कुछ जरूरी सेवाओं पर ही छूट दी गई थी इसके अलावा नोटबंदी के बाद जिसने भी 500 और 1000 के पुराने नोट से कोई भी सामान खरीदा है वह गैरकानूनी है।