लखनऊ। गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा को हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही जस्टिस ओम प्रकाश मिश्रा के सारे अधिकार सीज कर दिए गए हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गये हैं। जस्टिस ओम प्रकाश मिश्रा POSCO कोर्ट में तैनात हैं और 30 अप्रैल यानी कल रिटायर होने वाले हैं।
दरअसल 25 अप्रैल को गैंगरेप केस के आरोपी गायत्री प्रजापति एवं उनके सहयोगियों को जिला एवं सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा का तर्क था कि पीड़िता ने तीन साल से दुष्कर्म की बात कही है परंतु इस बीच घटना की शिकायत न तो पुलिस में की गई और न संबंधित अदालत में। इसमें महिला की मूक सहमति मालूम होती है।
गायत्री प्रजापति की जमानत खारिज करवाने के लिए सरकार ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चीफ जस्टिस से फौरन सुनवाई की गुजारिश की। चीफ जस्टिस की अनुमति के बाद शुक्रवार दोपहर सुनवाई शुरू हुई। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अपर सत्र न्यायाधीश ने उनका पूरा पक्ष सुने बिना ही प्रजापति और उनके साथियों को जमानत दे दी। बहस सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि प्रजापति और उनके साथियों को जिन स्थितियों में जमानत दी गई, वह घोर आपत्तिजनक है 25 अप्रैल का आदेश निष्प्रभावी किया जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत पर रिहा हो चुके अमरेंद्र और विकास को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।