Lucknow News | कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति और एकेटीयू के पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक व उनके करीबी एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के खिलाफ बिल का भुगतान कराने के नाम पर जबरन रुपये वसूलने, धमकी, गाली गलौज और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में केस दर्ज हुआ है। ख़बरों के मुताबिक कई विश्वविद्यालयों में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डिजीटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्रा.लि. के एमडी डेविड मारियो डेनिस ने इंदिरानगर थाने में यह केस दर्ज कराया है। डेविड मारियो डेनिस का आरोप है कि प्रो. विनय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का कुलपति रहते हुए बिलों का भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमिशन लिया। इस मामले की जांच यूपीएसटीएफ को सौंप दी गई है। एसटीएफ ने दूसरे नामजद आरोपित अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
डेविड ने आरोप लगाया है कि उनकी कंपनी आगरा यूनिवर्सिटी में वर्ष 2014-15 से प्री व पोस्ट परीक्षा का संचालन कर रही है। 2019-20 और 2020-21 में यूपीएलसी के माध्यम से आगरा यूनिवर्सिटी की प्री व पोस्ट परीक्षा संचालित कराई। इसके बिल का भुगतान लंबित था। प्रो. पाठक अब कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं। उन्होंने भुगतान के लिए कानपुर स्थित आवास पर बुलाया। वहां जनवरी, अप्रैल 2022 और एक सितंबर, 2022 के बिल का भुगतान करने के एवज में कमीशन की मांग की। फिर एक्सएलआईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के जरिए तीन बार में 1.41 करोड़ बतौर कमीशन लिया। अजय मिश्रा ने इसमें से करीब 63 लाख रुपये इंटरनेशनल बिजनेस फार्म्स अलवर राजस्थान के बैंक खाते में स्थानांतरित करवाए थे।
पीड़ित का आरोप है कि प्रो. पाठक ने आगरा यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का काम लेने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की। यह कहने पर कि वहां तो अब दूसरी कुलपति हैं उन्होंने कहा कि अब काम नहीं मिल पाएगा। यह बात सही भी हो गई और यह काम यूपीडेस्को के जरिए अजय मिश्रा की कंपनी को दे दिया गया। इसके बाद ही उन्होंने इंदिरानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। एसटीएफ ने कुलपति के सहयोगी अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। अजय के पास से 10 लाख रुपये और बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद की गई है। पीड़ित का कहना है कि उसकी जान को खतरा है और कुछ भी दुर्घटना होने पर डा. पाठक इसके जिम्मेदार होंगे।