गौ भक्तों के लिए एक जानकारी ये है कि आयुर्वेद में गौ माँस पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि कई रोगों की चिकित्सा के लिए गौ माँस भक्षण की सलाह भी दी गई है। आप खाएं न खाएं ये आपकी मर्जी है मगर ये न कहें कि हिंदू युगों युगों से गाय को पूजते रहे हैं, माँ मानते रहे हैं।
चरक संहिता में आचार्य चरक ने लिखा है-
“The flesh of the cow is beneficial for those suffering from the loss of flesh due to disorders caused by an excess of vayu, rhinitis, irregular fever, dry cough, fatigue, and also in cases of excessive appetite resulting from hard manual labour.” -टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से।
( देश के जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.)