नई दिल्ली। कैटरिंग किंग ने अपने धन बल, राजनीतिक पहुंच और भ्रष्ट रेलवे अफसरों के बलबूते रेलवे की खानपान सेवाओं पर इस तरह से कब्जा कर लिया था कि उसे तोड़ना असंभव सा हो गया था। लेकिन रेलमंत्री सुरेश प्रभु के बुलंद इरादों ने इस असंभव को अब संभव में तब्दील कर दिया है। जानकार बता रहे हैं कि कैटरिंग किंग ने प्रभु को मैनेज करने का जो भी जतन किया था वह सब फेल हो गया है। अब तो कैटरिंग किंग से जुड़े लोग यहां तक कहने लगे हैं कि “ऐ प्रभु है कि मानता नहीं..”
दरअसल सुरेश प्रभु जबसे रेलमंत्री बने हैं वे रेलवे को सुधारने में जुटे हुए हैं। प्रभु की मुहिम से कैटरिंग माफिया और भ्रष्ट रेलवे अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। करीबी सूत्रों का दावा है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सख्त तेवर ने कैटरिंग माफिया और भ्रष्ट रेल अफसरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रभु के डर से कैटरिंग माफिया के सहयोगी भ्रष्ट रेलवे अफसर भी अब उससे दूरी बनाने लगे हैं।