नई दिल्ली। नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा द्वारा देश भर में खरीदी गई जमीनों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ‘ख़बर अब तक’ के पास कुछ ऐसे दस्तावेज मौजूद हैं जिससे यह साफ हो रहा है कि बिहार में भाजपा की ओर से जो जमीनें खरीदी गई थीं उसमें करोड़ो रूपया नगद भुगतान किया गया था जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी यह दावा कर चुके हैं कि ज़मीन ख़रीदने के लिए भुगतान डिमांड ड्राफ्ट और चेक से किया गया है ना कि कैश में। सुशील मोदी ने तो यहां तक दावा किया था कि इन जमीनों की खरीद के लिए पार्टी ने लोन लिया है। वहीं दस्तावेजों से यह पता चल रहा है कि पार्टी की ओर से बिहार के सीतमढ़ी, अरवल, कैमूर, अररिया और बगहा आदि जिलों में खरीदी गई जमीनों के लिए करोड़ो रूपया नगद में भुगतान किया गया।
‘ख़बर अब तक’ के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि पार्टी ने अगस्त महीने के बाद से लेकर नवंबर महीने के पहले हफ्ते तक करोड़ों रुपए की जमीनें अलग-अलग जिलों में खरीदीं थीं। जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े ये दस्तावेज बिहार सरकार की भूमि जानकारी संबंधी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। भाजपा ने ये संपत्तियां अपने कार्यकर्ताओं के नाम पर खरीदी हैं। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता और विधायकों को सिग्नेटरी बनाया गया है।