‘ख़बर अब तक’ के उस खुलासे पर अमेरिकी रिसर्च टीम ने भी लगाया मुहर

एक नज़र इधर एक्सक्लूसिव प्रमुख समाचार

बी.के.सिंह। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं हो रही हैं, रिसर्च हो रहा है तथा साथ ही साथ विश्व के करीब-करीब सभी देश इस समय कोरोना से बचने के रास्ते तलाश रहे हैं। इस बीच एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि मास्क का उपयोग करना कोरोना से बचाव में सोशल डिस्टेंसिंग से भी ज्यादा कारगर है। इस रिसर्च के मुताबिक अमेरिका और इटली में लोगों के मास्क का इस्तेमाल शुरू करने के बाद संक्रमण की दर में तेजी के साथ कमी आई थी। मास्क के उपयोग की वजह से अब तक दुनियाभर में लाखों की संख्या में जानें बचाई गई हैं। अगर कोरोना के हॉटस्पॉट वाले इलाके में लोगों ने मास्क का इस्तेमाल न किया होता तो शायद इस वक्त संक्रमण के मामले कहीं ज्यादा होते। इस रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से बचाव के अन्य उपायों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजर से भी ज्यादा मास्क का इस्तेमाल कारगर साबित हुआ है। दरअसल देश में सबसे पहले मास्क को लेकर ‘ख़बर अब तक’ की ओर से पहल किया गया था। फरवरी के पहले सप्ताह में हमें पता चला की चीन में कोरोना वायरस की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। वहां मास्क की बहुत किल्लत है जिसके वजह से भारत से बड़े पैमाने पर मास्क की तस्करी हो रही है। सबसे पहले इसका सच जानने के लिए हमारी टीम ने फोन के जरिए कुछ ऐसी कंपनियों से संपर्क किया जो मास्क बनाती है। इस दौरान हमें पता चला कि जो मास्क होल सेल में 80 पैसे से लेकर 1 रूपये तक में बिकता था उसके हालात यह हैं कि वह 20 रूपये से भी ज्यादा कीमत में बिक रहा है। फिर भी कोई कंपनी वाला अगले 2 महीने तक माल देने के लिए तैयार नहीं है। इस दौरान हमें पता चला कि बाजार में अधिकतर माल बिना बिल के बिक रहा है या फिर लो बिलिंग पर बिक रहा है। हमारी टीम ने 10 फरवरी से लेकर 20 फरवरी तक यूपी के कई महत्वपूर्ण शहरों का जायजा लिया। हालात बेहद खराब थे उसके बाद 22 फरवरी को हमने ‘ऑपरेशन मास्क’ के जरिए देश में सबसे पहले यह बड़ा खुलासा किया था। हालांकि इस खुलासे का एक महत्वपूर्ण पार्ट देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से हम नहीं दिखा पा रहे हैं। दरअसल हमारा मकसद कभी भी सनसनी फैलाना नहीं रहा है इस वजह से हमारी टीम ने यह तय किया है कि हालात सामान्य होने के बाद पूरे मामले को देश के सामने रखा जायेगा। फिलहाल आप नीचे लिंक पर क्लिक करके ऑपरेशन मास्क को देख सकते हैं।

'ख़बर अब तक' का बहुत बड़ा खुलासा: सरकार सुस्त, लुटेरों का गैंग चुस्त

'ख़बर अब तक' का बहुत बड़ा खुलासा: सरकार सुस्त, लुटेरों का गैंग चुस्त

Posted by Khabar Ab Tak on Friday, February 21, 2020

इस खुलासे के बाद भी हमारी पड़ताल जारी थी और तमाम चौंकाने वाली जानकारियां मिलती रहीं। इस दौरान हमारी टीम ने जिस भी नेता या अधिकारी से इस गंभीर मामले को लेकर संपर्क किया उनके जबाब चौंकाने वाले थे। किसी ने कहा, हमारे देश में करोड़ो देवी-देवता हैं यहां तो लोग धूप-अगरबत्ती जलाकर और घंटी बजाकर कोरोना को मार देगें, तो कोई यह कह रहा था कि कोरोना तो चायना का माल है ज्यादा दिन नहीं टिकेगा। फिलहाल इस गैर टिकाऊ चाइनीज माल ने दुनिया भर का क्या हाल किया है यह अब सबके सामने है। मार्च के पहले सप्ताह तक हमारा यह खुलासा सुर्खियों में आ गया था। धीरे-धीरे देश के कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों में भी मास्क को लेकर ख़बरें आने लगी थीं। जिसके बाद हालात यह हो गये कि नेताओं से लेकर डॉक्टरों तक का एक समूह टीवी और सोशल मीडिया के जरिये यह दावा करने लगा कि आम आदमी को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। देश में मास्क को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। हालांकि उस समय देश के लोग मास्क को लेकर जितने गंभीर दिख रहे थे आज उतने गंभीर नहीं हैं। जबकि इस समय संक्रमण की जो स्थिति है उसको देखते हुए आम आदमी से लेकर खास आदमी तक को इस पर बेहद गंभीर होना चाहिए। ‘ऑपरेशन मास्क’ को दिखाने के बाद हमारी टीम ने देश के चर्चित चिकित्सक डॉ. आर.एन. सिंह समेत करीब आधा दर्जन चिकित्सकों का साक्षात्कार मास्क के मुद्दे पर किया था। करीब-करीब सभी विशेषज्ञों का इस मुद्दे पर यही राय था कि कोरोना को रोकने के लिए मास्क बहुत उपयोगी हो सकता है। इसलिए सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हालांकि डॉ. आर. एन. सिंह के अलावा बाकी सभी लोगों ने हमसे यह आग्रह किया कि उनका साक्षात्कार न दिखाया जाए। डॉ. आर. एन. सिंह का वह साक्षात्कार आप नीचे लिंक पर क्लिक करके दे सकते हैं..

'ख़बर अब तक' के खुलासे पर 'मिशन सेव इन इंडिया' के संयोजक डॉ आर. एन. सिंह ने क्या कहा आप भी सुनिए..

'ख़बर अब तक' के खुलासे पर 'मिशन सेव इन इंडिया' के संयोजक डॉ आर. एन. सिंह ने क्या कहा आप भी सुनिए..

Posted by Khabar Ab Tak on Saturday, February 22, 2020

दरअसल सार्वजनिक जगह पर मास्क लगाने की शुरूआत सबसे पहले वेनेजुएला से हुई यहां की सरकार ने संभवतः मार्च के पहले सप्ताह में नागरिकों के लिए बाहर निकलने से पहले मास्क का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया। वियतनाम ने 16 मार्च को, चेक गणराज्य ने 18 मार्च को लोगों के लिए फेस मास्क अनिवार्य कर दिया। स्लोवाकिया ने 25 मार्च को नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यह फैसला लिया। 29 मार्च को बोस्निया और हर्जगोविना ने, 4 अप्रैल को कोलंबिया ने और इसी दिन यूएई ने भी यह नियम बनाया। 6 अप्रैल को क्यूबा, ऑस्ट्रिया ने बिना चेहरा ढके बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया। इसके ठीक अगले दिन यानी 7 अप्रैल को उत्तरी अमेरिका, मोरक्को ने, 12 अप्रैल को इजराइल, 14 अप्रैल को अर्जेंटीना, 16 अप्रैल को पोलैंड, 20 अप्रैल को लक्जमबर्ग, 21 अप्रैल को जमैका, 22 अप्रैल को जर्मनी ने अपने सभी 16 राज्यों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया। 26 अप्रैल को कतर ने और इस तरह दुनिया भर के अधिकांश देशों ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया। वहीं दूसरी तरफ भारत में महाराष्ट्र ने सबसे पहले मास्क को अनिवार्य किया था। उसके बाद दिल्ली में जरूरी काम से बाहर निकलने वाले लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हुआ। उसके बाद उत्तर प्रदेश और फिर पूरे देश में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया। आज घर से बाहर निकलने पर देश में मास्क पहनना अनिवार्य है। एक अनुमान के मुताबिक देश में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के बाद भी ग्रामीण इलाकों में 55 से 60 फीसदी और शहरी इलाकों में करीब 25 से 30 फीसदी लोग मास्क को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसके साथ ही देश में बहुत बड़ी संख्या में लोग मास्क को सिर्फ दिखावे के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं जो बेहद खतरनाक है। देश को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

आज सरकार की ओर से चाहे जो भी दावे किये जाए लेकिन हकीकत यह है कि देश के ज्यादातर राज्यों के हालात चिंताजनक हैं। मास्क को लेकर पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ज्यादा गंभीर नहीं था। तमाम आलोचनाओं के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी नई गाइडलाइंस जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि ज्यादा संक्रमण और भीड़भाड़ वाली जगह में मास्क पहनना बेहद जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क पहनना चाहिए तथा जो लोग बीमार हैं, वो मेडिकल ग्रेड का मास्क पहने। जिन जगहों पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है, वहां सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क पहनना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई गाइडलाइंस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा। इस समय हर दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर अब और थोड़ी सी चूक हो गई तो देश को इसके गंभीर परिणाम भुगतने ही होगें। कोरोना को लेकर आज एक बार फिर हम देश की जनता से यही कहेगें कि इससे बचने के लिए सावधानी ही एक मात्र विकल्प है इसलिए सावधान रहे, खुद बचें और देश को भी बचायें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *