लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास को खाली करने से पहले जिस तरह से उसको तहस-नहस कर दिया है उसको लेकर सोशल मीडिया में अखिलेश यादव की जमकर थू-थू हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इस बंगले पर खर्च हुए जनता की गाढ़ी कमाई के 42 करोड़ रुपये का हिसाब कौन देगा? कुछ लोग तो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अखिलेश यादव पर मुकदमा दर्ज करने की भी मांग कर रहे हैं।
शनिवार को अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी सौंप दी। जिसके बाद राज्य संपत्ति विभाग की टीम बंगले पर पहुंची। यहां विभाग की तरफ से कब्जा लेने के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई, लेकिन इसे खाली करने से पहले तहस नहस कर दिया गया है। यह बंगला तीन बंगलों को तोड़ कर बनाया गया था। स्वीमिंग पूल को कंक्रीट और सीमेंट से भर दिया गया है, रसोई में लगे इटालियन मार्बल उखाड़ दिए गए हैं और बाथरूम की फिटिंग्स उखाड़ दी गई है। यहां तक कि इस बंगले में विदेशी टाइल्स, जिम और विदेशी पौधों को सरकारी खर्च पर लगाया गया था उन्हें भी उजाड़ दिया गया है।