ताकत और पैसा हो तो क़त्ल करके भी कैसे बचा जा सकता है, शहाबुद्दीन ने दिखा दिया है. कानून कितना अँधा होता है, ये समझने के लिए गैंगस्टर शहाबुद्दीन की रिहाई ही काफी है. कत्ल करवाता गया, गवाह पलटते गए. गवाह गूंगा हो गया. कानून अँधा हो गया. सिस्टम बहरा हो गया और क़त्ल के इल्जामों से बरी होकर ‘कातिल’ बाहर आ गया ..जय बोलो पाक साफ शहाबुद्दीन की