तीन महीने बाद इस पत्रकार को मिला इंसाफ, पुलिस ने मानी अपनी गलती

एक नज़र इधर प्रमुख समाचार मीडिया

करीब 3 महीने बाद ‘एबीपी न्यूज़’ के पत्रकार राहुल कुलकर्णी को इंसाफ मिला है। महाराष्ट्र पुलिस ने अब स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के दौरान बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ एकत्र करने के मामले में ‘एबीपी न्यूज़’ के सहयोगी चैनल ‘एबीपी माझा’ के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार करना उनकी गलती थी। पुलिस को इस मामले में राहुल कुलकर्णी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने ‘एबीपी माझा’ के पत्रकार के खिलाफ दर्ज मामला लगभग तीन महीने बाद बंद कर दिया है। पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि राहुल कुलकर्णी की ख़बर गलत नहीं थी, लेकिन इसे देखने वाले लोगों ने गलत संदर्भ में लिया।

पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया है कि अपराध को ‘सी समरी’ के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिसका अर्थ होता है कि गलती से मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने अदालत से धारा 169 सीआरपीसी के तहत राहुल कुलकर्णी को आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। करीब 3 महीने पहले महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने ‘एबीपी माझा’ के पत्रकार राहुल कुलकर्णी के खिलाफ झूठी ख़बर प्रसारित करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। मामला दर्ज होने के बाद राहुल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का दरवाजा खटखटाया था। फिलहाल अब महाराष्ट्र पुलिस ने स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के दौरान बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ एकत्र करने के मामले में ‘एबीपी माझा’ के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार करना उनकी गलती थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *