भ्रष्टाचार के खिलाफ यूपी की योगी सरकार ने अपने इरादे पहले ही स्पष्ट कर दिए हैं। सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि भ्रष्टाचारियों के लिये अब यूपी में कोई जगह नहीं है। दरअसल पिछले काफी समय से ‘ख़बर अब तक’ को यह जानकारी मिल रही थी कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ गया है। इसी को केन्द्र में रखकर ‘ख़बर अब तक’ के खोजी पत्रकारों की टीम ने पिछले कई महीनों से लगातार मेहनत करके यह जानने का प्रयास किया है कि क्या योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार और ज्यादा बढ़ गया है। गहन पड़ताल के बाद हमें यह पता चला कि सीएम सिटी गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक तमाम भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के सहयोग से खुलेआम सेटिंग के जरिये बड़ा खेल चल रहा है। इस खेल में कई अफसर और नेता मुख्यमंत्री को गुमराह कर उनके आंखों में धूल झोंक रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कई बड़े अफसर बेहद ईमानदार छवि वाले मुख्यमंत्री की इमेज को बर्बाद करने की बड़ी साजिश रच रहे हैं। इन भ्रष्ट अफसरों का एक ही उद्देश्य है योगी के दामन पर जितने ही दाग होगें उतना ही अच्छा है। हालांकि ‘ख़बर अब तक’ का यह प्रयास रहेगा कि लगातार कई खुलासों और सबूतों के जरिये इन्हे बेनकाब किया जाये।
आज हम आपको “ऑपरेशन सेटिंग” का पहला भाग दिखाने जा रहे हैं। ऑपरेशन ‘सेटिंग’ पार्ट-1 में आप मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर के जिला उद्योग विभाग का सच देखेगें। यह गोरखपुर का जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र है। यहां पर मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत आवेदन करने वाले लोगों का साक्षात्कार चल रहा है। इस साक्षात्कार में सफल होने वाले लोग सरकार के सहयोग से अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न तरह के उद्योग लगायेगें। सरकार की मंशा यह है कि जिला उद्योग केन्द्र के सहयोग से जहां कोई ब्यक्ति खुद का कारोबार शुरू करेगा, वहीं वह कम से कम दो-चार और लोगों को काम पर रखेगा। जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र गोरखपुर का हाल तो गजब ही है। फिलहाल आप आपरेशन सेटिंग पार्ट – 1 देखिए..
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