बी.के. सिंह। कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और पुलिस के बीच लुकाछिपी का खेल चल रहा है। पुलिस गायत्री की तलाश में है। गायत्री पब्लिक को दिखते हैं लेकिन पुलिस को नहीं। अब सवाल ये खड़ा होता है क्या वाकई पुलिस कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को तलाश रही है या ये सिर्फ दिखावा है।
यूपी के चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर का कहना है कि “एक पुलिस अफसर के रूप में मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि यदि पुलिस गायत्री प्रजापति को नहीं पकड़ पा रही है तो इसका एकमात्र कारण होगा कि पुलिस उन्हें पकड़ना नहीं चाहती होगी।” उधर, पीड़िता का कहना है कि पुलिस जब खुद गायत्री की सुरक्षा में लगी है तो उसे गिरफ्तार कैसे करेगी?
बीबीसी हिंदी पर नवीन जोशी की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इस रिपोर्ट में नवीन जोशी ने लिखा है.. “मध्य फरवरी में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि गायत्री प्रजापति का स्थान कारागार होना चाहिए। कारागार को धन्य करने के लिए पुलिस प्रजापति की तलाश में है। वह उनके सरकारी बंगले में जाती है तो सरकारी सुरक्षा गार्ड बताते हैं कि वे महोदय वहां नहीं हैं। विधायक निवास वाले अंगरक्षक कहते हैं कि मंत्री जी अपने चुनाव क्षेत्र में हैं। चुनाव क्षेत्र के कार्यकर्ता पुलिस को बताते हैं कि गायत्री जी लखनऊ चले गए। लखनऊ में वे अक्सर एक ख़ास ठिकाने पर विराजमान पाए जाते हैं। उनकी एक बहुप्रसारित फोटो है जिसमें वे मुलायम के चरण दोनों हाथों से पकड़े हुए कैमरे की तरफ़ मुस्करा रहे हैं। ये चरण उन्हें पार्टी से परिवार तक शक्तिशाली बनाते रहे। अब पुलिस इस ठिकाने तो जा नहीं सकती।”
बताया जाता है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति आखिरी बार 27 फरवरी को अमेठी में मतदान के दिन नजर आए थे तब तक पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की। अब चुनाव खत्म होते ही गायत्री गायब हो गए हैं। यूपी सरकार ने गायत्री प्रजापति को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर रखी है, ऐसे में गायत्री प्रजापति को पुलिस का ना खोज पाने के पीछे कई सवाल खड़े होते हैं। सोशल मीडिया में भी लोग कई तरह से सवाल खड़े कर रहे हैं। विपक्ष की ओर से भी गायत्री की अभी तक गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाये जा रहे हैं। भाजपा का तो यहां तक कहना है कि अखिलेश राज में रसूख देखकर पुलिस हाथ डालती है। आजम की भैंस और डीएम के कुत्ते को तत्परता से खोजने वाली हमारी पुलिस के गायत्री को खोंजने में पसीने छूट रहे हैं। हालांकि पुलिस की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।