सर्दियों के मौसम से क्या है कोरोना का कनेक्शन? अब नए वेरिएंट से डर का माहौल

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सर्दियों की शुरूआत के साथ ही एक बार फिर कोविड के केसों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना वायरस के जेएन.1 वैरिएंट पर बढ़ती चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। कोविड का नया वेरिएंट जेएन.1 काफी तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे सावधान रहने की जरूरत है। कोविड का नया वेरिएंट जेएन.1 ओमिक्रॉन का ही एक म्यूटेशन है। उम्मीद है कि इस बार कोविड की दूसरी लहर की तरह हालात नहीं होंगे। वहीं दूसरी तरफ सर्दियों की शुरुआत होते ही अब भारत में भी कोविड के केसों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। भारत में इसकी शुरुआत केरल से हुई है। केरल से होते-होते कोविड का नया वेरिएंट जेएन.1 देश के 11 राज्यों तक फैल गया है। ऐसे में लोगों को एक बार फिर से एहतियात बरतने की जरूरत है।

सर्दियों के मौसम से क्या है कोरोना का कनेक्शन..
कोविद के इस नए वेरिएंट से लोगों में डर का माहौल है। क्योंकि इस बार इस वेरिएंट से जान जाने के मामले भी सामने आ रहे है। वहीं दूसरी तरफ लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि हर बार कोविड के मामले और नए वेरिएंट सर्दियों के मौसम में ही क्यों आते हैं। लोग यह जानना चाहते है कि आखिर क्यों हर साल सर्दियों के मौसम में ही कोविड अपने पैर पसारता है। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि ‘ठंडा मौसम‘ कोरोना वायरस और अन्य संक्रमणों के प्रसार को बढ़ाने के लिए अनुकूल माना जाता रहा है। इसको लेकर वर्ष 2020 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना का वायरस ठंड और शुष्क परिस्थितियों में लंबे समय तक जीवित रह सकता है। यही ट्रेंड दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखा जाता रहा है। वहीं दूसरी तरफ सर्दियों के मौसम में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन बढ़ जाते हैं। इस मौसम में इन्फ्लूएंजा (फ्लू) के केस भी काफी आते हैं। फ्लू होने पर लोगों को खांसी-जुकाम और बुखार की परेशानी होती है। ऐसे में लोग इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं और उनका कोविड टेस्ट भी होता है। जिससे अधिक टेस्ट होने से केस भी सामने आते हैं। यही कारण है कि सर्दियों में कोविड के केस बढ़ जाते हैं।

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