आज हम आपको यूपी सरकार के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का सच दिखायेगें। इस योजना को लेकर अख़बारों के जरिये बड़े-बड़े दावे किये गये थे। ख़बरों और विज्ञापनों के जरिये सरकार की ओर से बताया गया था कि इस योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों तथा मजदूरों को उद्यम के आधार पर कौशल विकास के लिए 6 दिनों का निःशुल्क व आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के बाद इन लोगों को प्रमाणपत्र के साथ-साथ ट्रेडवार 5 हजार रूपये की कीमत वाली उन्नत किस्म की टूल भी दी जायेगी। सरकार की ओर से दावा किया गया था कि यह योजना बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी और बड़ी संख्या में बेरोजगार मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
लेकिन यूपी सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अफसरों ने कागज में प्रशिक्षण कराकर कमीशन वाला टूल बांट दिया। ‘ख़बर अब तक’ की टीम ने जब इस योजना में प्रशिक्षण प्राप्त लोगों से मुलाकात की तो पूरा सच सामने आ गया। ‘ख़बर अब तक’ के खुफिया कैमरे पर लोगों ने जो सच कबूला है वह बेहद हैरान करने वाला है। हालात यह हैं कि अब धीरे-धीरे लोग यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ईमानदार होने पर भी सवाल उठा रहे हैं। फिलहाल आप ‘खबर अब तक’ की यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट देखिये..
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