लखनऊ। सीबीआई द्वारा यूपी लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर अज्ञात ब्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करते ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। जनचर्चा है कि अब तक की जांच में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं जिनके आधार पर आयोग के कुछ वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेताओं और दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। बताया जा रहा है कि सीबीआई जिन अज्ञात बाहरी लोगों की बात कर रही है, उनमें पूर्व सरकार के कुछ बड़े नेता और दलाल शामिल हैं। दलाल इलाहाबाद और पश्चिमी यूपी के हैं, जो अभ्यर्थियों एवं आयोग के प्रतिनिधियों के बीच संपर्क बनाने का काम कर रहे थे। सीबीआई इन सभी को चिह्नित कर रही है। जल्द ही इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
दरअसल सीबीआई की FIR में आरोप है कि यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के कुछ अधिकारियों ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में हुई परीक्षा में धांधली के साथ-साथ पक्षपात किया और कुछ जातियों के उम्मीदवारों को गैरजरूरी वरीयता प्रदान की। इंटरव्यू में भेदभाव हुआ, उत्तर पुस्तिका बदली गई, प्रश्न लीक होने के बावजूद परीक्षा रद्द नहीं की गई। इसके अलावा, भर्ती में आरक्षण के नियमों का भी उल्लंघन हुआ। किसी खास क्षेत्र और जाति के लोगों को अधिक नंबर दिए गए।