कोरोना से भी खतरनाक है यह चाइनीज एप, जानिए इसका पूरा सच

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चाइनीज ऐप टिक-टॉक (Tik Tok) आने वाले समय में देश के लिए कोरोना वायरस से भी खतरनाक होने वाला है। यह ऐप जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों और खासकर छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है उससे तो यही लगता है कि अगर यही हालात रहे तो बहुत जल्द यह चाइनीज ऐप हमारी सबसे बड़ी धरोहर को नष्ट कर देगा। इसलिए समाज के लोगों को अपने संस्कार और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए हर हाल में आगे आना ही होगा। सच यह है कि यह चाइनीज ऐप एक गहरी साजिश के तहत हमारे संस्कार को नष्ट कर रहा है। धीरे-धीरे पैसे कमाने और स्टार बनने की लालच में देश का एक बहुत बड़ा युवा वर्ग इस साजिश का शिकार हो रहा है। ‘ख़बर अब तक’ की टीम ने करीब 70 ऐसे लोगों से बातचीत किया है जो इस चाइनीज ऐप की वजह से अपने आप को मुसीबत में डाल चुके हैं। इसमें कई पढ़ी-लिखी युवतियां हैं जो इस ऐप के चक्कर में अपना बहुत कुछ गवां चुकी हैं। कई लोगों की नौकरी चली गई है तो कई ऐसे हैं जो टिक-टॉक के चक्कर में अपना परिवार तक खो चुके हैं।

टिक-टॉक (Tik Tok) चाइनीज ऐप सबसे पहले सितंबर 2016 में चीन में लॉन्च किया गया था। एक साल बाद इसे दुनियाभर में लॉन्च किया गया। तभी से इसे लगातार लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। भारत में यह चाइनीज ऐप ग्रामीण इलाकों तथा छोटे शहरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि शहरी इलाकों में इसकी लोकप्रियता कुछ कम हुई है। अब तो यहां तक कहा जा रहा है कि देश के लोग इस शॉर्ट वीडियो ऐप के पीछे पागल हो गए हैं क्योंकि आए दिन टिक टॉक के चक्कर में लोगों की नौकरी जा रही है। कई लोग इसके चक्कर में बर्बाद हो चुके हैं लेकिन बावजूद इसके लोग टिक टॉक वीडियो बनाना नहीं छोड़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस ऐप का असंयमित कंटेंट बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। इसके साथ ही इसके ज्यादातर कंटेंट अपमानजनक और अश्लीलता को बढ़ाने वाले हैं। इसलिए सरकार को भी इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

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