लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक थानाध्यक्ष की करतूत ने पुलिस के चरित्र पर एक बार फिर दाग लगा दिया है। जिले के पाली थाना क्षेत्र की एक नाबालिग का अपहरण कर पहले चार लोगों ने गैंगरेप किया। इसकी शिकायत करने जब पीड़िता थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने भी उसके साथ रेप किया। घटना के बाद से आरोपी थानाध्यक्ष अपने ही थाने से फरार हो गया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद थानाध्यक्ष समेत 6 लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पाली थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला की नाबालिग बेटी को पाली के चार लोग 22 अप्रैल को बहला फुसलाकर भोपाल ले गए। उसके बाद उसे रेलवे स्टेशन के पास तीन दिन तक छिपाकर रखा और दुष्कर्म किया। इसके बाद 26 अप्रैल को चारों लड़की को वापस लाए और थाना पाली में छोड़ कर भाग गए।
पाली थाने की पुलिस ने लड़की को उसकी मौसी के पास पहुंचा दिया। इसके बाद 27 अप्रैल की सुबह नाबालिक को थाने में बुलाकर बयान दर्ज किया गया। बयान दर्ज होने के बाद पीड़िता को थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज अपने कमरे पर ले गए और उसके साथ एक बार फिर दुष्कर्म हुआ। थानाध्यक्ष ने रेप करने के बाद उसे फिर मौसी को सौंप दिया।
30 अप्रैल को नाबालिग को चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया। जहां काउंसलिंग में पीड़िता ने सारी घटना बताई। उसके बाद पीड़िता की मां की शिकायत पर एसपी निखिल पाठक ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इस मामले में थानाध्यक्ष समेत 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।