बीके सिंह। गोरखपुर, गोंडा, देवरिया, सुल्तानपुर और अब संतकबीरनगर पहुंची ‘ख़बर अब तक’ की टीम। संतकबीरनगर में हमारी टीम के एक रिपोर्टर ने जिला कृषि कार्यालय में तैनात लाइसेंस बाबू से मुलाकात की। लाइसेंस बाबू ने बताया कि 25 एमटी के लाइसेंस का 3 हजार और 100 एमटी के लाइसेंस का 6 हजार लगेगा। हमारे रिपोर्टर ने कार्यालय में तैनात एक और कर्मचारी से बातचीत की तथा यह जानना चाहा कि यदि साहब यानि की जिला कृषि अधिकारी से मुलाकात किया जाए तो क्या रेट कुछ कम हो सकता है। कर्मचारी मुस्कुराते हुए बोला, ‘जाके मिल ल साहब से’
रिपोर्टर जिला कृषि अधिकारी विनोद शर्मा से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा…
रिपोर्टर: प्रणाम सर…साहब तनी देखल जाएं.. खादी क लाइसेंस बनवावे के बा नोटरी वगैरह सब बनवा देहले बांटी.. बाबू पैसा 6 हजार मांगत बाने.
जिला कृषि अधिकारी: एक हलफनामा बनवाके लाओ कि बोरे पर छपे हुए रेट से बेचेंगे ना महंगा खरीदेगें ना महंगा बेचेंगे तो रियायत करवाते हैं. तो फिर हम घटवाते हैं.
रिपोर्टर: हेमन त लिखल बा साहब जवन-जवन उ कहनै ह उ लिखल बा. जो-जो वे बताए थे वह सब लिखा हुआ है.
जिला कृषि अधिकारी: जो मै कह रहा हूं वह लिखा है.
रिपोर्टर: हां साहब सब लिखल बा. वे बताएं हैं कानून नियम से नहीं चलोगे तो दंडित किया जायेगा।
जिला कृषि अधिकारी: हम ऐ कह रहे हैं. खाद जो है किसी भी स्थिति में अधिक मूल्य पर ना खरीदेंगे और ना ही बेचेंगे. इस बात का एक बना के दो. कहां दूकान करोगे.
रिपोर्टर: यहीं साहब बड़गो चौरहवा पे.
जिला कृषि अधिकारी: बड़गो चौरहवा पे.. यहां बहुत सारी दूकानें हैं यहां क्यो कर रहे हो.
रिपोर्टर: नाही जैसे….. त हेसे ना काम चली साहब.
जिला कृषि अधिकारी: क्या चाहते हो.हम क्या कह दें बताओ..
रिपोर्टर: कुछ ऐमन कम हो सकेला का. जैसे एगो हमार रिश्तेदार बांटे उ कहत रहलें डाइरेक्ट साहब से मिलले पर कुछ घटी जाला.. पहीलवां कम्मे लगत रहल.
जिला कृषि अधिकारी: कम करवा देते हैं.. फिसीया जमा करोगे ना चलान भरवाओ.
रिपोर्टर: त केतना दे दी बाबू के..
जिला कृषि अधिकारी: अरे बुलाओ उनको बुलाओ. कितना क्या हम मोल भाव कर रहे हैं क्या.. जाओ उनको भेज दो.
रिपोर्टर: साहब नाराज नाही न हो गईनी..
जिला कृषि अधिकारी: नहीं नाराज नहीं हुए हैं.. उनको भेज दो.. बाबू को भेज दो..
रिपोर्टर: नाहीं साहब फिर बनईहैं नाही रिसिया जईहैं.. ठीक बा हम पूरा जमा कई देत बानी.. हम कहनी साहब आप से बात होई त कुछ कम हो जाई दो चार सौ.
जिला कृषि अधिकारी: कह दे रहें हैं भाई कह दे रहे हैं…….
जिला कृषि अधिकारी से मुलाकात के बाद फिर जब रिपोर्टर ने लाइसेंस बाबू से मुलाकात की तो उनका कहना था कि साहब से मिलने के बाद खर्चा बढ़ जाता है दो दिन बाद आओ तो बात होगा।
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सुल्तानपुर पहुंची ‘ख़बर अब तक’ की टीम:-
सुल्तानपुर जिले में खाद-बीज का लाइसेंस कैसे बनता है यह जानने के लिए ‘ख़बर अब तक’ की टीम जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय पहुंची तथा वहां हमारे एक रिपोर्टर ने लाइसेंस बाबू से मुलाकात की।
बातचीत के दौरान लाइसेंस बाबू ने बताया की यहां छोटा लाइसेंस यानि की 25 एमटी 4100 सौ तथा बड़ा यानि की 100 एमटी 5100 सौ में बनता है। बीज के लाइसेंस का रेट यहां 2 हजार है। हमारे रिपोर्टर ने जिला कृषि अधिकारी सुल्तानपुर से मिलने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और गोंडा में भी हालात लगभग यही हैं। इन जिलों का पूरा स्टिंग देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें…
Source: khabarabtak.com
28 July 2013