इन्द्राणी की हसरत तो मुख़र्जी बनकर देश का रुपर्ट मर्डोक बनने की थी..

अपने देश के लिए मै किसी भी हद तक जा सकता हूँ. अगर किसी शत्रु की हत्या भी करनी पड़े तो मुझे अंतर मन में ज़रा भी अपराध बोध नही होगा. लेकिन अपने निजी जीवन में परिस्थियां बिलकुल विपरीत हैं.

घर में तो मुझे पालतू कुत्ते को डांटने पर भी सोचना पड़ता है. और माँ से तो जब कभी विवाद होता था तो उस दिन तो दफ्तर में एक अपराध बोध के साथ काम करता था और रात में घर लौटकर जब तक माँ को मना न लेता तो मन को चैन नही आता था.

एक तरफ राष्ट्र के लिए न्रशंस अपराध की सीमा तक जाना और दूसरी तरफ पशु को छेड़ना तक नही …ये चरित्र में एक बड़ा विरोधाभास दर्शाता है. संवेदना के दो छोर….व्यक्तित्व के दो अलग डायमेंशन..दो विपरीत स्थितयां. लेकिन यही तो संस्कारों की सौगात है. और इसमें मैे अपवाद नही हूँ …आप भी कुछ कुछ ऐसे ही हैं. मेरे जैसे या मुझसे कुछ ज्यादा या थोडा कम.

लेकिन जो लोग इस देश के कर्णधार रहे जो देश की मीडिया की सबसे ऊँची सीढ़ी तक पहुंचे और वहां विराजमान होकर जो निष्ठा और नियम बता रहे थे उनकी संवेदनाएं क्या है ? क्या चरित्र है ? क्या संस्कार है ? जीवन के मूल्य क्या है?

पीटर मुख़र्जी इस देश के सबसे बड़े मीडिया समूह स्टार के सबसे ऊँचे ओह्ह्दे पर थे और जब कौन बनेगा करोड़पति उन्होंने शुरू किया तो पूरा कांसेप्ट देश को समर्पित करने का दंभ भरा. उनकी प्रेमिका और दूसरी पत्नी इन्द्राणी इस सबसे बड़े समूह में मानव संसाधन प्रमुख के तौर पर सत्यनिष्ठा की नई लकीर स्टाफ के खींच रही थी.

लेकिन इस मुखौटे के पीछे ये महत्वकांशी पेज थ्री दम्पती करोड़ों रूपए के घपलों की हेराफेरी के साथ व्यभिचार को नये तरीके से परिभाषित कर रहा था. और इस व्यभिचार में पेज थ्री की बड़ी बड़ी हस्तियाँ शामिल थी.

जानकारों के मुताबिक अपने बंगले के एक कमरे में पीटर किसी नई महिला के साथ होते, उनका बेटा उनकी सौतेली बेटी के साथ, दूसरा बेटा किसी और के साथ और उनकी दूसरी पत्नी पास के होटल में अपने पूर्व पति के साथ होती. इन्द्राणी के ड्राईवर ने ये बातें अब पुलिस से कही हैं.

मुझे इन्द्राणी के सपने और उनकी साजिशों में कोई अंतर नही दीखता. वो मीडिया टाइकून बनना चाहती थीं और इस सपने के लिए वो हर साज़िश रचने पर अमादा थी. पीटर से शादी साजिश का हिस्सा थी. अपनी बेटी की हत्या इस साज़िश का हिस्सा थी. अपने दूसरे बेटे को भी खत्म करना इस साज़िश का हिस्सा थी. और सबसे बाद में पीटर को सुलाकर उसकी 150 करोड़ की सम्पति के साथ फिर से एक मीडिया कम्पनी शुरू करना इन्द्राणी का INX पार्ट-2 का ग्रैंड प्लान था. इस प्लान में उनके दूसरे पति संजीव खन्ना सक्रिय साझेधार थे.

दरअसल संजीव खन्ना से तलाक सिर्फ कागज़ पर लिए गया था. इन्द्राणी की हसरत तो मुख़र्जी बनकर देश का रुपर्ट मर्डोक बनने की थी. और इस सपनों के लिए कुछ साजिशों को अभी अंजाम देना बाकी था.

दोस्तों…इन्द्राणी महिला नही एक मनो स्थिति है. एक स्टेट ऑफ़ माइंड है . आप इसे 100 करोड़ क्लब में शामिल होने वालों का एक सैटेनिक संस्करण कह सकते हैं. दुर्भाग्य से ऐसे लोग आज देश की राजनीती में भी है और बाज़ार में भी.

विरोधाभास हम और आप में नही ऐसे सैटेनिक मह्त्व्कान्शियों में है जो अपने सपनों को साज़िश के बिना पर गढ़ते बुनते और सच करते हैं.

लेकिन देश का कोई राकेश मारिया इन सपनो को हथकड़ी बाँध देता है. आज इस देश के समाज को कुछ और राकेश मारियाओं की ज़रुरत है.

(वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा के फेसबुक वॉल से.)

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