बिहार के तेज तर्रार पत्रकार अमिताभ ओझा ने सुपर 30 वाले “आनंद कुमार” के नाम एक खुला खत लिखा है। अमिताभ ओझा ने अपने खत में आनंद कुमार से कई सवाल पूछा है और यह उम्मीद किया है कि आनंद कुमार इन सवालों का जबाब जरूर देंगे। फिलहाल आप अमिताभ ओझा का पूरा खत पढ़िए..
प्रिय आनंद जी,
विगत कुछ दिनों से पटना से प्रकाशित एक अखबार और सोशल मीडिया पर आपके बारे में काफी कुछ लिखा जा रहा है। मेरा मन व्यथित है क्योंकि सिर्फ मैं ही नही एक आम बिहारी आप पर गर्व महसूस करता था। पटना से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मंचो पर आपने अपनी सफलता की कहानी सुनाई थी। कई ऐसे युवा है जो आपको अपना रोल मॉडल मानते है। देश के अलग अलग हिस्सों में कई ऐसे छात्र है जो आपका सान्निध्य पाना चाहते है लेकिन आज सब आहत है।एक सुपर 30 के कारण जिस दिन आईआईटी का रिजल्ट आता था जश्न का माहौल होता था। पुरंदरपुर की उस गली जिसमे आपका आशियाना है वहा मीडिया का जमावड़ा होता था। बड़ा ही गर्व महसूस होता था जब बच्चे कहते थे “we proud of bihari,we proud of Anand sir..the real gems of soul” खुशी तब भी अपार हुई जब आप की जीवन पर फ़िल्म बननी शुरू हुई…बड़े पर्दे पर अपने बीच के शख्स की कहानी को देखने की उत्सुकता है….मेरा और आपका संबंध तबसे है जब मैं पटना के “आज” अखबार का क्राइम रिपोर्टर था और आप एक स्थानीय अपराधी से परेशान होकर मेरे पास आये थे। आपके मित्र अंजनी तिवारी और सुनील राज ने आपको मुझसे मिलवाया था …पहली मुलाकात में ही आपके लिए मन मे इज्जत के भाव थे…आपकी समस्या दूर हो गई थी…आपने भी मुझे याद रखा था..इसके बाद कई मौके आये जब आपने संबंधों को निभाया। मुझे जो भी गरीब मेधावी छात्र मिलता उसे आपके पास जरूर भेजता था, कई लड़के आज जॉब में है …2015 के आईआईटी रिजल्ट के बाद आपके खिलाफ मुहिम छिड़ी थी…निश्चित तौर पर इस expose में आपके साथ रहे बिहार के वरिष्ठ आईपीएस अभयानंद सर ने भी आपका साथ नही दिया…क्योंकि उन्हें भी लगता था कि जिस उद्देश्य के साथ वो सुपर 30 के साथ जुड़े थे वो उद्देश्य भटक गया है, दोनो के रास्ते अलग अलग हो गए…लेकिन फिर भी मैं आपके साथ रहा था सिर्फ इसके लिए की आपसे अभी भी गरीब बच्चो की उम्मीद जुड़ी थी..उसके बाद के वर्षों में भी आपसे जुड़ी कई स्टोरी किया था। लेकिन मुझे लगता है कि पिछले छह महीनों से मेरी आपसे बात नही हुई है ..जबसे फ़िल्म बननी शुरू हुई तबसे कई लोगो की शिकायत रही कि आप सेलिब्रिटी की तरह ट्रीट करने लगे हैं।कॉल नही उठाना, नही मिलना जैसी बातें आम हो गई…हो सकता है कि यह आपकी अतिव्यस्तता के कारण हो लेकिन बुरा तो सभी को लगा। आपके और अभयानंद सर के बीच जो हुआ यह आप दोनों के चाहने वालो को नागवार लगा। लेकिन यह आप दोनों की मर्जी थी। इस बीच सोशल मीडिया पर अभयानंद सर के खिलाफ एक अखबार की खबर वायरल हुई थी उन्हें जानने वालों के लिए जरूर यह चौकाने वाली खबर थी लेकिन यह फर्जी ही लगा बाद में यह साबित भी हुआ तब यह बात उठी थी कि इन सबके पीछे आपका हाथ है लेकिन सहसा यकीन नही हुआ…जिस तरह से कोचिंग माफिया आपके पीछे पड़े थे इसके पीछे उनका हाथ ज्यादा लगा। लेकिन मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बाद से लेकर अब तक हुई पटना पुलिस की जांच में सामने आया कि इन सबके पीछे आपसे जुड़े हुए लोग है तो बुरा लगा लेकिन उससे भी बुरा तब लगा जब आप गिरफ्तार शख्स को छुड़ाने थाना में पहुंचे और वहाँ पदाधिकारियों को धमकाया। यह आपकी बड़ी भूल थी। इसके बाद जो हुआ सबके सामने है। अखबार और सोशल मीडिया में जो चल रहा है उसके बाद मेरा भी आपसे चंद सवाल है..
1..आप अपने ऊपर लग रहे सवालों का जवाब क्यो नही देते?
2.. जब आपकी कमाई करोड़ो में है तो फिर निःशुल्क पढ़ाई का दावा कैसे?
3..लिस्ट को लेकर हर साल सवाल होता है और आप हर साल उसे टाल देते है
4…अभयानंद के खिलाफ चली वायरल खबर में आपकी क्या भूमिका है
5..गिरफ्तार जितेंद्र वाकई में आपका सबसे बड़ा राजदार है जिसकी गिरफ्तारी से आप डर गए हैं
6…क्या यह सब कोचिंग माफियाओ का खेल है?
7…अगर इन सबके पीछे किसी की साजिश है तो आप चुप क्यों हैं?
आपका मित्र
अमिताभ ओझा
उम्मीद करता हूं आप इन सवालों का जवाब जरूर देंगे क्योंकि आपको बिहार के लाखों युवाओं ने अपना रोल मॉडल माना है। अगर आप वाकई पहले वाले आनंद है तो सिर्फ मैं ही नही आपको अपना रोल मॉडल मानने वाले लाखों युवा आज भी आपके साथ हैं।