जो व्यक्ति यूपी के निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर और इनकी पत्नी नूतन ठाकुर के कार्य करने की शैली को जानते हैं वे यह भी समझ रहे होंगे कि नूतन ठाकुर का बीजेपी में जाना और अमिताभ ठाकुर का आर.एस.एस. ज्वाइन करना इन लोगों के द्वारा अपनी राजनैतिक पार्टी गठित करने के लिए इस्तेमाल की गयी एक रणनीति का हिस्सा मात्र है l
स्पाई कैमरे और ऑडियो रिकॉर्डर से हर समय लैस रहने बाले ये शातिर अपनी काली कमाई का केंद्र की भाजपा सरकार के माध्यम से संरक्षण सुनिश्चित होते ही भविष्य में बीजेपी और आर.एस.एस. के बड़े पदाधिकारियों को किसी भी बड़े संवेदनशील मुद्दे पर स्टिंग में फंसाकर बीजेपी और आर.एस.एस. से बिदा लेकर अपना राजनैतिक दल बनाकर अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को परवान चढाने का प्रयास अवश्य करेंगे l
यूपी में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में इन दोनों ने बीजेपी और आरएसएस को गाली दे-दे कर मुलायम सिंह से नजदीकी बनायी l तब इसी अमिताभ ठाकुर ने न केवल अवैध असलहा लाइसेंस वितरण आदि में बेईमानी का नंगा नाच किया बल्कि अपने साले के नाम चोरी की गाड़ियाँ खरीद-खरीद कर लाखो के वारे न्यारे किये थे और बाद में अपना राजनैतिक कद बढाने के लिए एक रणनीति बनाकर मुलायम सिंह यादव को स्टिंग में फसाकर बीजेपी और आर.एस.एस. में प्रवेश एक और महत्वकांक्षी कूटनीतिक रणनीति के तहत ही लिया है न कि इनका कोई ह्रदय परिवर्तन हुआ है l
तो सावधान रहे बीजेपी और आर.एस.एस. भी इन दोनों स्टिंग एक्सपर्ट से क्योंकि इसके भी बड़े नेताओं का हाल मुलायम सिंह यादव जैसा या इनसे भी बुरा होने बाला है l
(सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ के संस्थापक संजय शर्मा के फेसबुक वॉल से.)