देश के वरिष्ठ टीवी पत्रकार और ‘जी न्यूज़’ के एडीटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने कल शराब खरीदने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़ का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा ‘शराब के पैसे हैं लेकिन रेल के भाड़े के लिए नहीं’। सुधीर चौधरी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में उनकी जमकर थू-थू होने लगी। पत्रकार, नेता, समाजसेवी से लेकर आम आदमी तक ने इस ट्वीट का विरोध किया। लोगों ने अपने-अपने हिसाब से सुधीर चौधरी के पत्रकारीय जीवन का वर्णन किया। सुधीर चौधरी के इस ट्वीट के जबाब में लोगों ने उन्हे बताया कि शराब के लिए कतारों में खड़े लोग और अपने घर जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे प्रवासी मजदूर उत्तर-दक्षिण की तरह हैं। लोगों ने तमाम वीडियो और तस्वीर शेयर कर सुधीर चौधरी को यह बताने का प्रयास किया कि शराब के लिए लाइन में खड़े लोगों और अपने घर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों में कितना फर्क है। कई लोगों ने ट्वीट कर सुधीर चौधरी से सवाल पूछा कि आप कैसे यह दावा कर सकते हैं कि जो लोग शराब के लिए कतारों में खड़े हैं ये वही लोग हैं जो अपने घर जाने के लिए परेशान हैं।