नई दिल्ली। अनुसूचित छात्रों के नाम पर देश भर में 18 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। कैग की ऑडिट के दौरान पता चला है कि यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब तमिलनाडु और कर्नाटक में नियमों की अनदेखी कर बिना किसी जांच के पांच साल में आंख बंदकर इन राज्यों में 18 हजार करोड़ से ज्यादा की दशमोत्तर छात्रवृत्ति बांट दी गई। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि एक ही रोल नंबर और एक ही जाति प्रमाणपत्र पर हजारों छात्रों को धनराशि जारी कर दी गयी। बताया जा रहा है कि कैग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से इस अनियमितता की जांच कराकर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की संस्तुति की है।
कैग ने 2012 से लेकर 2017 तक की ऑडिट के दौरान सिर्फ यूपी में 1.76 लाख ऐसे मामले पकड़े हैं जिसमें एक ही क्रमांक के जाति प्रमाणपत्र पर 233.55 करोड़ रूपये जारी कर दिया गया है। इसी तरह 34652 केस ऐसे मिले हैं जिसमें अभ्यर्थियों के आवेदन में हाईस्कूल का प्रमाणपत्र एक ही क्रमांक का लगा हुआ है। इन आवेदनों पर 59.79 करोड़ रूपये जारी किये गये हैं। 13303 ऐसे मामले मिले हैं जिसमें आवेदन पत्रों के साथ एक ही बोर्ड रोल नंबर और एक ही जाति प्रमाणपत्र लगा हुआ है। इस पर 27.48 करोड़ रूपये जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान न तो नियमों का ख्याल किया गया और न ही किसी तरह की जांच की गई। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ऑनलाइन साफ्टवेयर में पूरा खेल पकड़ में आने के बाद भी संदिग्ध खातों में धनराशि भेज दी गयी।