लखनऊ। यूपी के जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ. डीके छाबडा का निधन हो गया है। डॉ. डीके छाबडा का नाम उत्तर प्रदेश में न्यूरो सर्जरी को स्थापित करने वालों में गिना जाता है। डॉ.छाबडा 1974 से 1986 तक किंग जार्ज मेडिकल विवि (KGMU) में न्यूरो सर्जन रहे। 1986 से 2003 तक वह संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में रहे। संस्थान से सेवा निवृत्त होने के बाद से वे लगातार विवेकानंद हॉस्पिटल में अपनी सेवा दे रहे थे। डॉ. डीके छाबडा का निधन न्यूरो सर्जरी चिकित्सा विज्ञान के लिए बड़ी छति है। इनकी उम्र 80 वर्ष थी। डॉ. डीके छाबडा के निधन पर इनके शिष्यों और जानने वालों ने गहरा शोक ब्यक्त किया है।
डॉ. डीके छाबडा ने हाइड्रो सिफेलस बीमारी के दौरान दिमाग में भर जाने वाले फ्लूड को स्पाइन के जरिए बाहर निकलाने के लिए शंट की खोज की। इस शंट को दिमाग में लगाया जाता है। यह शंट 28 देशो में इस्तेमाल हो रहा है। इससे हजारों बच्चों को जीवन मिल रहा है। हाइड्रो सिफेलस बीमारी में सीएसएफ ‘सेरिबो स्पाइनल फ्लूड’ लगातार बनता रहता है। नसों के जरिये रक्त में मिलकर यह शरीर से यूरिन आदि के जरिये बाहर भी निकलता रहता है। किसी वजह से जब नसें अवरुद्ध हो जाती हैं तो यह फ्लूड काफी मात्रा में दिमाग में जमा हो जाता है। इस बीमारी का एक मात्र हल सिर्फ ऑपरेशन ही है।