यूपी विधानसभा चुनाव: किसको कितना होगा फायदा, भाजपा की सरकार रहेगी या जाएगी?

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7 वें चरण के मतदान के साथ ही आज उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया। इस चुनाव में कहने के लिए तो भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई और दल चुनाव मैदान में थे। लेकिन इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा गठबंधन और सपा गठबंधन में ही था। भाजपा अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी, जबकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, अपना दल कमेरावादी सहित कई छोटे दलों के साथ समझौता कर भाजपा को चुनौती दे रही थी।

आज हम आपको यूपी विधानसभा चुनाव का सबसे सटीक आकलन बताने जा रहे हैं। इस आकलन को तैयार करने के लिए ‘ख़बर अब तक’ की टीम ने हर क्षेत्र के स्थानीय पत्रकारों एवं अन्य जागरूक लोगों से चर्चा किया है। सबसे पहले हम आपको 2017 के विधानसभा चुनाव का गणित समझाते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को रिकार्ड 325 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं मुख्य विपक्षी दल के रूप में सपा और कांग्रेस को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया था और गठबंधन को मात्र 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। जबकि इनके अलावा बसपा को मात्र 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। राष्ट्रीय लोकदल जो इस बार सपा के साथ गठबंधन में है उसे 2017 विधानसभा चुनाव में मात्र 1 सीट पर जीत मिली थी। इसके साथ ही 3 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं।

पहले चरण में हुए चुनाव का आकलन

यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 58 सीटों पर मतदान हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इसमें से 53 सीटें जीती थीं। जबकि बसपा और सपा के खाते में 2-2 सीटें आई थीं। आरएलडी को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था। 2017 में भाजपा जिन 5 सीटों पर चुनाव हारी थी, उनमें से 4 पर वह दूसरे नंबर पर थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 58 सीटों में से भाजपा को कम से कम 37 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 11 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा को कम से कम 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि 8 सीटें ऐसी हैं जहां अनुमान लगा पाना असंभव है।

दूसरे चरण में हुए चुनाव का आकलन

दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। इन 55 सीटों में से भाजपा ने 2017 में 38 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। 2017 के चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था। सपा की जीती हुई 15 सीटों में 10 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार विजयी हुए थे। हालांकि इस बार सपा, राष्ट्रीय लोकदल और कई छोटे दलों के गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में है और इस चरण को सपा और उसके सहयोगी दलों के प्रभाव वाला इलाका माना जा रहा है।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 55 सीटों में से भाजपा को कम से कम 26 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 16 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा को 1 सीट मिलती दिख रही है। 2 सीट अन्य के खाते में जा सकती है। जबकि 10 सीटें ऐसी हैं जहां के मतदाता कई पार्टियों में बंटे नज़र आ रहे हैं जिससे सटीक आंकलन नहीं हो पा रहा है।

तीसरे चरण में हुए चुनाव का आकलन

तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इसमें से 49 सीटों पर जीत दर्ज किया था। जबकि कांग्रेस और बसपा के खाते में 1-1 सीटें आई थीं। समाजवादी पार्टी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज किया था। हालांकि इनमें से 9 जिलों की 30 सीटें ऐसी हैं जहां पर यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 59 सीटों में से भाजपा को कम से कम 19 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 27 सीटें मिलने का अनुमान है। 5 सीटें बसपा, कांग्रेस एवं अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं। 8 सीटें ऐसी हैं जहां पर अनुमान नहीं लग पा रहा है।

चौथे चरण में हुए चुनाव का आकलन

चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इसमें से 51 सीट पर जीत दर्ज किया था। जबकि समाजवादी पार्टी को 4 सीट और बसपा तथा कांग्रेस को 2-2 सीटों पर पर ही संतोष करना पड़ा था।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 59 सीटों में से भाजपा को कम से कम 34 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 11 सीटें मिलने का अनुमान है। 3 सीट अन्य के खाते में जाती दिख रही है। वहीं 11 सीटों पर रोचक जंग की वजह से सटीक अनुमान लगा पाना मुश्किल है।

पांचवें चरण में हुए चुनाव का आकलन

पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 विधान सभा सीटों पर मतदान हुआ था। 2017 के पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इसमें से 53 सीट पर जीत दर्ज किया था। जबकि समाजवादी पार्टी को 5 सीट, कांग्रेस को 1 सीट और 2 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया था।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 61 सीटों में से भाजपा को कम से कम 39 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 10 सीटें मिलने का अनुमान है। 5 सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं। जबकि 7 सीटों पर कौन जितेगा इसका सटीक आंकलन नहीं हो पा रहा है।

छठे चरण में हुए चुनाव का आकलन

छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान हुआ था। 2017 के चुनाव में भाजपा ने 46 सीट पर जीत दर्ज किया था। जबकि बसपा 5, सपा 2 और कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल और निर्दलीय के हिस्से एक-एक सीट आई थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 57 सीटों में से भाजपा को कम से कम 35 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 7 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा, कांग्रेस और अन्य के खाते में 7 सीट जाती दिखाई दे रही है। जबकि 8 सीटों पर कांटे की टक्कर होने की वजह से अनुमान लगाना मुश्किल है।

सातवें चरण में हुए चुनाव का आकलन

सातवें चरण में 9 जिलों की 54 विधान सभा सीटों पर आज मतदान हुआ है। 2017 के पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा को 29 सीट अपना दल को 4 सीट सुभासपा को 3 सीट समाजवादी पार्टी को 11 सीट बसपा को 6 सीट तथा निषाद पार्टी को 1 सीट पर जीत मिली थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में ‘ख़बर अब तक’ का आकलन है कि इन 54 सीटों में से भाजपा को कम से कम 24 सीटें मिल सकती हैं। जबकि सपा गठबंधन को 15 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा तथा अन्य के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं। जबकि 10 सीटों पर सटीक अनुमान नहीं लग पा रहा है।

‘ख़बर अब तक’ के आकलन के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन कम से कम 214 सीटें जीत कर एक बार फिर सरकार बना सकती है। वहीं समाजवादी पार्टी गठबंधन को 97 सीटें जीतने का अनुमान है। बसपा, कांग्रेस, निर्दल एवं अन्य के खाते में 30 सीटें जाने का अनुमान है। सबसे खास बात यह है कि 403 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुकाबला बेहद रोचक है। इन सीटों का सटीक अनुमान नहीं लग पा रहा है। इनमें ज्यादतर सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई है कई ऐसी सीटें हैं जहां पर चार-चार प्रत्याशी सीधे लड़ाई में हैं जिससे मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।

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