घूसखोरी के मामले में 23 साल बाद इनकम टैक्स अफसर को मिली 6 साल की सजा

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Lucknow News | नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने के लिए घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए आईआरएस अफसर और तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स अरविंद मिश्रा को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने 6 साल के कारावास और डेढ़ लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद दोषी अरविंद मिश्रा को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया है।

29 नवंबर 1999 को सीबीआई ने तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स अरविंद मिश्रा को 15 हज़ार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ 13 अगस्त 2001 को चार्जशीट लगाई थी, लेकिन शासन से अभियोजन स्वीकृति नहीं ली गई थी। लिहाजा कोर्ट ने 30 नवंबर 2015 को इस मामले से आरोपी को डिस्चार्ज कर दिया था। बाद में सीबीआई ने अभियोजन से स्वीकृति लेकर फिर से चार्जशीट दायर की थी। अब करीब 23 साल बाद अरविन्द मिश्रा को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोषी अरविंद मिश्रा 1989 में यूपीएससी के जरिए चयनित होकर भारतीय राजस्व सेवा में आए थे, अगर वह इस मामले में शामिल न होते तो वर्तमान में मुख्य आयकर आयुक्त की श्रेणी के अधिकारी होते। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम फैसलों में कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को ऐसा कठोर दंड दिया जाए जिससे समाज में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाना संभव हो सके। ऐसे आरोपियों के प्रति सहानुभूति और नम्र व्यवहार किए जाने से समाज में गलत संदेश जाएगा और न्यायपालिका पर भी सवालिया निशान लग सकता है।

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