करेला भले ही स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन सेहत के लिए बेहद गुणकारी होता है। हालांकि ज्यादातर लोग स्वाद की वजह से करेला खाने से परहेज करते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो डायबिटीज के चलते मजबूरी में इसे खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुणों से भरपूर करेला कई बार आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए आज हम आपको करेला खाने के फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है करेला
करेला में कम से कम दो सक्रिय पदार्थ होते हैं जिनमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। पहला बायोएक्टिव पदार्थ है पॉलीपेप्टाइड-पी यह इंसुलिन को एक्टिवेट करके, शुगर कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। दूसरा, इसमें वाइसिन है जो कि शरीर को इंसुलिन जैसा महसूस होता है और ये शुगर मेटाबोलिज्म को तेज कर देता है। इसके अलावा करेले में एक लेक्टिन होता है जो मस्तिष्क में इंसुलिन के प्रभाव के समान काम करता है और भूख को दबाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा इसके एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी शुगर कंट्रोल करने में बहुत मददगार है।
कैसे करें सेवन
डायबिटीज में करेला खाने के लिए एक बात ध्यान में रखें कि इसे ज्यादा पका कर न खाएं। इसे उबाल कर खाएं या फिर इसे ऐसे ही पका कर खा लें। बस इसे ज्यादा तेल में पकाकर या भून कर न खाएं। क्योंकि, ज्यादा पकाने से करेले का एक्टिव कंपाउंड मर सकता है। इन तमाम चीजों को ध्यान में रखने हुए आपको डायबिटीज में करेले का जूस और इसका चोखा खाना चाहिए।
इस तरह के मरीज भूलकर भी ना करें सेवन
सेहत के लिए बेहद गुणकारी करेला कई बार आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके लिए करेला जहर से कम नहीं है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो करेला आपके लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन, अगर आपको लो शुगर लेवल की समस्या है, तो भूलकर भी करेला न खाएं। क्योंकि इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल लो हो सकता है। साथ ही डायबटिीज में भी इसका ज्यादा सेवन नुकसानदेह हो सकता है। इसके अलावा करेले का सेवन प्रेग्नेंट महिलाओं को कम करना चाहिए। इसका ज्यादा सेवन गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।