देवरिया में FIR से कई जिलों में मचा हड़कंप, गोरखपुर में जांच हुआ तो इन धान क्रय केंद्र प्रभारियों का जेल जाना तय



Gorakhpur News | देवरिया जिले में तीन धान क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गोरखपुर से लेकर बस्ती तक हड़कंप मच गया है। गोरखपुर में चर्चा है कि अगर धान क्रय केन्द्रों के स्टॉक का सही से सत्यापन हो गया तो कम से कम 3 दर्जन से ज्यादा क्रय केंद्र प्रभारियों का जेल जाना तय माना जा रहा है। आकड़ों के मुताबिक गोरखपुर जिले में कुल 168 धान क्रय केन्द्र बनाये गये हैं। इसमें से खाद्य विभाग की विपणन शाखा (FCS) के 40 सेंटर, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (PCF) के 69 सेंटर, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (UPSS) के 15 तथा उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन (UPCU) के 44 सेंटर हैं। एक अनुमान के मुताबिक गोरखपुर जिले में लगभग साढ़े तेरह लाख कुंतल धान किसानों से खरीदा गया है। इसमें से लगभग साढे आठ लाख कुंतल धान क्रय केन्द्र वालों ने राइस मिलर को रिसीव कराया है। जबकि करीब पांच लाख कुंतल धान अभी भी क्रय केन्द्रों के स्टॉक में मौजूद दिखाया जा रहा है। जबकि चर्चा यह है कि इन क्रय केन्द्रो के गोदाम में 2 लाख कुंतल धान भी मौके पर मौजूद नहीं है।

जिले में खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 8 से 10 क्रय केन्द्रों को लेकर चर्चा यह है कि अगर यहां जांच हो गया तो इनके स्टॉक में जितना धान होगा मौके पर उसका आधा धान भी नहीं मिलेगा। यूपीएसएस के चार क्रय केन्द्र इस समय खूब चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि इन क्रय केन्द्रों पर करीब 45 से 50 हजार कुंतल धान की खरीद हुई है। चर्चा है कि 15 से 20 हजार कुंतल धान अब भी इन क्रय केन्द्रों के स्टॉक में दिखाया जा रहा है जबकि इनके पास जो गोदाम हैं उनकी कुल क्षमता दो से तीन हजार कुंतल की भी नहीं है। जिले में यूपीसीयू के 13 क्रय केन्द्रों को लेकर भी इस समय चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि इन क्रय केन्द्रों पर करीब 39 हजार कुंतल से ज्यादा धान स्टॉक में दिख रहा है जबकि इनके गोदाम में 4 से 5 हजार कुंतल धान ही मौके पर मौजूद है। इसी तरह पीसीएफ के करीब एक दर्जन क्रय केन्द्रों को लेकर चर्चा है कि इनके स्टॉक में जितना धान दिख रहा है मौके पर गोदाम में उसका आधा धान भी मौजूद नहीं है।

देवरिया जिले में तीन धान क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ दर्ज हुआ है FIR

देवरिया जिले में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम गठित कर जिले के 54 क्रय केंद्रों की जांच एक साथ करवाई गई तो यह मामला पकड़ में आया है। इस मामले में रूस्तमपुर क्रय केंद्र प्रभारी दीपक गुप्ता, बंजरिया के केंद्र प्रभारी अभिषेक गुप्ता और परसिया छितनी सिंह के प्रभारी मकसूद आलम के खिलाफ थाना रामपुर कारखाना, थाना भलुअनी और थाना खामपार में केस दर्ज करवाया गया है। इसके साथ ही तीनों गोदामों को सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शासन की मंशा के मुताबिक मेरे द्वारा समय-समय पर धान खरीद की समीक्षा की गई। इसी क्रम में क्रय केंद्रों का सत्यापन कराया गया। जांच के दौरान तीन जगहों पर निर्धारित स्टॉक कम मिला है। केन्द्र प्रभारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। बहुत जल्द इनकी गिरफ़्तारी कराई जाएगी।

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