Gorakhpur News | गोरखपुर में बिना काम कराए ही 80 लाख रुपये का भुगतान कर देने के मामले में सहजनवां के पूर्व बीडीओ दुर्योधन, आरईएस के जेई सुबोध कुमार तिवारी, लघु सिंचाई के जेई अजय कुमार और लेखाकार राघवेंद्र पाठक के खिलाफ FIR दर्ज हो गया है। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह की जांच में यह पूरा घोटाला सामने आया था। मुख्य विकास अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी विजय किरन आनंद के पास भेजी थी। जिलाधिकारी ने चारों आरोपियों पर FIR दर्ज कराने के साथ ही मामले की विस्तृत जांच कराने व धनराशि के रिकवरी के निर्देश दिए थे। फिलहाल सहजनवा के एडीओ पंचायत रामगोपाल तिवारी की तहरीर पर सहजनवा थाने में चारों आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज हो गया है।
दरअसल मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह को सहजनवां ब्लॉक के सभाकक्ष में सहजनवां के साथ ही पिपरौली और पाली ब्लॉक में कराए गए विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान यह शिकायत मिली थी कि सहजनवां के बीडीओ, जेई व जनप्रतिनिधियों ने बिना कार्य कराए करोड़ों का भुगतान फर्जी ढंग से कर दिया है। इस मामले की जानकारी होते ही मुख्य विकास अधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी व सहायक अभियंता ग्राम्य विकास अभिकरण की अगुवाई में जांच कमेटी गठित कर शिकायत की जांच करवाई। जांच कमेटी ने संबंधित विकास कार्यों का जब स्थलीय सत्यापन किया तो पूरा घोटाला सामने आ गया।
स्थलीय सत्यापन से पता चला कि 15 में से 10 कार्य तो कराए ही नहीं गए। बाकी बचे पांच कार्य के बारे में भी रोजगार सेवक और प्रधान ने बताया कि सत्यापन के दो दिन पहले ही उन्हें कराया गया था। वे भी मानक के अनुरूप नहीं हैं। अभिलेखों की जांच में पता लगा कि सभी कार्यों का भुगतान नवंबर 2021 में ही कर दिया गया था। फिलहाल इस मामले में सहजनवा के एडीओ पंचायत रामगोपाल तिवारी की तहरीर पर सहजनवा थाने में पूर्व बीडीओ दुर्योधन, आरईएस के जेई सुबोध कुमार तिवारी, लघु सिंचाई के जेई अजय कुमार और लेखाकार राघवेंद्र पाठक के खिलाफ FIR दर्ज हो गया है।