नई दिल्ली। पूर्व संपादक और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर मुश्किलों में फंस गए हैं। एक के बाद एक 9 महिला पत्रकारों द्वारा कथित तौर पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद एमजे अकबर की सोशल मीडिया में जमकर थू-थू हो रही है। वहीं दूसरी तरफ एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सरकार में भारी बेचैनी है।
“मी टू” अभियान, के तहत सोशल मीडिया पर कई महिला पत्रकारों ने विभिन्न संस्थान में अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटनाओं को साझा किया है। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री और पूर्व संपादक एमजे अकबर पर अब तक तकरीबन 9 महिला पत्रकार यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं। इसमें से एक महिला पत्रकार ने वर्ष 2017 में अपनी आपबीती बयां की थी। महिला के मुताबिक अकबर ने उन्हें होटल के कमरे में नौकरी के इंटरव्यू के लिए बुलाया था। लेकिन उन्होंने उनकी नीयत को भांपते हुए वहां जाना मुनासिब नहीं समझा और इंटरव्यू ऑफर को ठुकरा दिया था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के पत्रकार रहे मयंक जैन पर भी कुछ महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्होंने अख़बार से इस्तीफा दे दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक केआर श्रीनिवास पर भी करीब आधा दर्जन महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद प्रबंधन ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया कार्यकारी संपादक और डीएनए के संस्थापक संपादक रह चुके गौतम अधिकारी पर भी कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोपों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक और ब्यूरो चीफ प्रशांत झा ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है।