पूर्व कुलपति और डेली न्यूज एक्टिविस्ट अख़बार के मालिक डॉ. निशीथ रॉय बुरी तरह फँस गए हैं। डॉ. निशीथ राय के खिलाफ लखनऊ के हसनगंज थाने में जालसाजी समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। डॉ. निशीथ रॉय पर आरोप है कि उन्होने अपने शैक्षणिक दस्तावेजों में हेरफेर करके नौकरी प्राप्त किया था। निशीथ रॉय डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे हैं। इनको अखिलेश यादव का बेहद करीबी बताया जाता है। निशीथ राय 28 जनवरी 2014 को शकुंतला यूनिवर्सिटी के कुलपति बने थे। इस दौरान वह लखनऊ विवि में क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र के निदेशक भी थे। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी हाईस्कूल की मार्कशीट में निशीथ राय की जन्मतिथि एक अक्टूबर 1960 है जबकि इनके द्वारा जो मार्कशीट लगाई गई उसमें जन्मतिथि एक अक्टूबर 1963 है।
निशीथ राय ने शकुंतला यूनिवर्सिटी के कुलपति रहते हुुए किराए के भवन में बिना शिक्षकों के चल रहे डिग्री कॉलेजों को मान्यता दे दी थी। इलाहाबाद, मिर्जापुर व अन्य शहरों में कई ऐसे कॉलेज मान्यता पा गए थे जिनके पास न तो बिल्डिंग थी, न ही लैब का कोई सामान और न ही शिक्षक थे। इनके द्वारा पीएचडी दाखिले में भी नियमों का पालन नहीं किया गया था। पीएचडी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला लेने की बजाए अपने चहेतों को सीधे आवेदन लेकर दाखिला दे दिया था। गलत ढंग से भर्ती किए गए शिक्षकों को वेतन देने से जब तत्कालीन वित्त अधिकारी ने मना किया तो उन्हें गलत ढंग से कार्यमुक्त कर दिया गया। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को भी बात न मानने पर गलत ढंग से कार्यमुक्त कर दिया गया। फिलहाल डॉ. निशीथ रॉय की मुसीबतें बढ़ गई हैं।