Lucknow News | गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती समेत करीब यूपी के 35 अलग-अलग जिलों के 228 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह की तरफ से 30 जून तक का समय दिया गया है। इससे पहले सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एफआईआर दर्ज कराकर सूचना देने के आदेश दिए गए हैं। यह शिक्षक लखनऊ, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, कानपुरनगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, आगरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मथुरा, आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी जिले में तैनात हैं। एसटीएफ की जांच में यह पता चला था कि ये शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं।
एसटीएफ ने 228 शिक्षकों की सूची मई, 2022 को विभाग को दी थी। ये उन शिक्षकों की सूची थी, जिन्होंने फर्जी व अनियमित शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी इनमें से 176 के खिलाफ अभी तक एफआईआर नहीं की गई है। 35 जिलों में इन शिक्षकों की तैनाती है। सबसे ज्यादा देवरिया में 25, बस्ती में 23, सीतापुर में 15, श्रावस्ती में 12, आजमगढ़ में 10, गोरखपुर में 9 शिक्षक हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी कई शिक्षक हैं। एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाया है। एसटीएफ की ओर से कहा गया है कि विभाग की लापरवाही के कारण फर्जी शिक्षक हाईकोर्ट से स्टे लेकर नौकरी कर रहे हैं। एसटीएफ ने संबंधित बीएसए के खिलाफ कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है। आशंका जताई जा रही है कि इस पूरे मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर इन फर्जी शिक्षकों को बचाने की कोशिश हो रही है। फिलहाल, बेसिक शिक्षा निदेशक के आदेश के बाद हड़कंप मच गया है।